नई दिल्ली: भारत में ओमीक्रोन वेरिएंट की वजह से कोरोना संक्रमण में तेजी के बीच ट्रवैल गाइडलाइन में कुछ बदलाव किए हैं। इस बदलाव के तहत अब सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को भारत पहुंचने पर कम से कम एक हफ्ते (7 दिन) होम क्वारंटीन रहना होगा। ओमीक्रोन वेरिएंट की वजह से पूरी दुनिया में कोरोना के मामलों में उछाल आया है।
भारत भी इससे अछूता नहीं है। बहरहाल, सबसे जोखिम वाले देशों से भारत आने वाले यात्रियों को पहुंचने पर कोविड टेस्ट कराना होगा। टेस्ट की कीमत का वहन यात्री करंगे। नए नियमों के अनुसार उनके टेस्ट के परिणाम नियमों के अनुकूल आने के बाद ही उन्हें हवाई अड्डे के परिसर से बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी।
टेस्ट में जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आती है, उन्हें 7 दिन होम क्वारंटीन में रहना होगा और 8वें दिन फिर कोरोना टेस्ट कराना होगा। इसके अलावा अगर किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसके नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जाएंगे। साथ ही पॉजिटिव रिपोर्ट वाले यात्रियों को अलग जगह आइसोलेशन फैसिलिटी में रखा जाएगा और मानक प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज किया जाएगा।
यात्रियों को 8वें दिन कराए गए कोविड-19 के लिए रिपीट आरटी-पीसीआर टेस्ट के रिजल्ट भी भी एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड करने होंगे, जिसकी निगरानी संबंधित राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा की जाएगी।
ऐसे यात्री जो जोखिम वाले देशों से नहीं आ रहे हैं, उनमें से भी करीब 2 प्रतिशत यात्रियों की रैंडम आधार पर एयरपोर्ट पर टेस्टिंग की जाएगी। ऐसे यात्रियों की पहचान वह एयरलाइन करेगी, जिसमें वे सफर करके लौटे हैं। लैब भी इन यात्रियों की रिपोर्ट जल्द तैयार करने को प्राथमिकता देंगे। चुने गए इन दो प्रतिशत रैंडम यात्रियों सहित बाकी यात्रियों को भी 8वें दिन अपना कोरोना टेस्ट दोबारा कराना होगा।
समुद्री रास्तों या सड़क मार्ग से भारत में आने वाले यात्रियों पर भी यही नियम लागू होंगे। हालांकि उन्हें आगमन पर अधिकारियों को स्व-घोषणा पत्र जमा करना होगा।
पांच साल से कम उम्र के बच्चों को कोविड टेस्ट से छूट दी गई है। हालांकि, यदि आगमन पर या होम क्वारंटाइन में रहते हुए कोविड के लक्षण उनमें मिलते हैं, तो टेस्ट कर उनका इलाज किया जाएगा।