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रिसर्च में खुलासा, टॉयलेट सीट से कोरोना संक्रमण का खतरा, फ्लश करने से फैल सकता है वायरस

By पल्लवी कुमारी | Updated: June 18, 2020 06:50 IST

दुनिया भर में कोरोना वायरस से 445,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। विश्व भर में अबतक 82 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। अमेरिका, ब्राजील और रूस के बाद इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में भारत चौथे स्थान पर है।

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ठळक मुद्देयेंगझाउ यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि टॉयलेट को फ्लश करने पर कोरोना के कण हवा में जा सकते हैं और संक्रमित कर सकते हैं।कोरोना से संक्रमित मरीज के ठीक हो जाने के बाद भी उसके मल में वायरस पांच सप्ताह तक जिंदा रह सकता है।

नई दिल्ली: अगली बार आप जब भी टॉयलेट को फ्लश करें तो सबसे पहले सीट कवर को बंद कर दें। ऐसा करने से आप कोरोना संक्रमण (कोविड-10) को फैलने से रोकेंगे। चीन के येंगझाउ विश्वविद्यालय के  शोधकर्ताओं ने लोगों को सलाह दी है कि टॉयलेट यूज करने के बाद फ्लश करने से पहले टॉयलेट सीट को ढकें। चीनी शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि कोरोनो वायरस मानव पाचन तंत्र में जीवित रह सकता है और मल के लिए जरिए निकल सकता है।

कोरोना संक्रमित मरीज के ठीक होने के बाद उसके मल में पांच हफ्ते तक जिंदा रह सकता है कोरोना वायरस

येंगझाउ यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि टॉयलेट को फ्लश करने पर कोरोना के कण हवा में जा सकते हैं और संक्रमित कर सकते हैं। इसलिए जब भी आप टॉयलेट यूज करें तो फ्लश करने से पहले उसका सीट कवर बंद करना ना भूलें। रिसर्च में पाया गया है कि कोरोना से संक्रमित मरीज के ठीक हो जाने के बाद भी उसके मल में वायरस पांच सप्ताह तक जिंदा रह सकता है। इसी आधार पर उन्होंने यह सलाह दी है।  फिजिक्स ऑफ फ्लुइड्स नामक जर्नल में यह रिसर्च प्रकाशित हुआ है। 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

रिसर्च में कहा गया है कि टॉयलेट सीट से निकलकर बाथरूम के वातावरण में पहुंचे संक्रमित कण एक मिनट से अधिक समय के लिए हवा में रह सकते हैं। ऐसे में इस हवा में आया शख्स संक्रमित हो सकता है।

रिसर्च में और क्या-क्या कहा गया है? 

रिसर्च में पाया गया है कि फ्लश करने पर पानी के बहाव के कारण संक्रमित कण पानी से तीन फीट उंचाई तक आ जाते हैं। जिसके बाद मल में मौजूद संक्रमित  कण हवा में मिल सकते हैं। ऐसे में अगर सीट कवर बंद रहा तो इसे  बाथरूम में फैलने से रोका जा सकता है। 

शोधकर्ता जी-शियांग वैंग ने कहा है कि जिस जगह टॉयलेट जितना ज्यादा बार इस्तेमाल होता है, वहां खतरा उतना ज्यादा होता है। खासकर उन घरों में जहां एक साथ ज्यादा लोग रहते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है, इस समस्या का एक ही इलाज है सीट कवर को ढक कर फ्लश किया जाए। 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

दुनिया भर में कोरोना वायरस से पांच लाख के करीब मौत

दुनिया भर में कोरोना वायरस से मरने वालों की कुल संख्या पांच लाख के करीब पहुंच गई है। इसके अलावा विश्व भर में अबतक 82 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार पूरी दुनिया में कोरोना से 445,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। दुनिया भर में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका हुआ है। 

अमेरिका, ब्राजील और रूस के बाद इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में भारत चौथे स्थान पर है। पूरी दुनिया से कोविड-19 के आंकड़ों का संकलन कर रहे जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार इस बीमारी से मरने वालों की संख्या के मामले में भारत आठवें स्थान पर है।

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