अमेरिका में फाइजर वैक्सीन के इमरजेंसी उपयोग के बाद, भारत में भी तीन कंपनियों को ड्रग कंट्रोलर से कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति का इंतजार है।
सीरम इंस्टीट्यूट ने जनवरी तक कोविशील्ड वैक्सीन का लाइसेंस मिलने और टीकाककरण शुरू करने की बात कही है। ऐसे में स्वदेश निर्मित केवाक्सीन वैक्सीन की स्थिति पर लोकमत ने आईसीएमआर की एपिडेमिक साइंटिस्ट-एफ डॉ. निवेदिता गुप्ता से जानकारी ली।
कोवैक्सीन को जल्द मंजूरी की उम्मीद
डॉ. निवेदिता ने कहा कि हमें कोवैक्सीन के इमरजेंसी अप्रवल का बेसब्री से इंतजार है। कोवैक्सीन के ट्रायल नतीजे बेहतर रहे हैं और इसका सैंपल साइज सबसे बड़ा है। उम्मीद है जल्द ही ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया वैक्सीन ट्रायल के नतीजों को ध्यान में रखते हुए इसकी अप्रूवल दें।
डॉ. निवेदिता गुप्ता ने कहा कि कोवैक्सीन के फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल पूरा होने सहित एक साल का समय लग जाएगा। कोवैक्सीन के ट्रायल नतीजे बेहतर हैं। इसलिए डीसीजीआई से हमने हाई रिस्क रोगियों पर कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अप्रूवल मांगी है।
डॉ. निवेदिता ने जनवरी तक कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल पर कहा कि बस हमें डीसीजीआई के अप्रूवल का इंतजार है। हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी साउथ एशियाई देशों के साथ हुई बैठक में इस बात का जिक्र किया था कि इस साल के अंत या नए साल की शुरुआत में वैक्सीन अप्रूवल मिल जाएगी। इसी के साथ टीकाकरण शुरू हो जाएगा।
दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कोवैक्सीन के क्लीनकल ट्रायल के नतीजों पर खुशी जाहिर करते हुए कुछ दिन पहले कहा था कि अगले कुछ सप्ताह में देश को वैक्सीन मिलने वाली है।
इसके बाद से ही सीरम इंस्टीट्यूट की एस्ट्रोजेनिका कोविशील्ड और भारत बायोटेक और आईसीएमआर की कोवैक्सीन को डीजीसीआई से जल्द अप्रूवल मिलने की बातें कही जा रही हैं।
डीसीजीआई ने नहीं दिया जवाब
लोकमत ने इस बारे में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया डॉ. वीजी सोमानी से संपर्क किया और पूछा कि स्वदेश निर्मित कोवैक्सीन को कब तक इमरजेंसी ट्रायल की अप्रूवल मिलेगी? अप्रवूल से पहले विभाग किन प्रक्रियाओं को पूरा करने में लगा है? इसमें कितना समय लगेगा? हालांकि, व्हाट्सएप पर भेजे गए इन सवालों को डॉ. वीजी सोमानी ने पढ़ा जरूर पर इस पर कोई जवाब नहीं दिया है।