आरएमएल में डॉक्टर और कर्मचारियों ने कोवाक्सीन लगवाने से किया मना, जानिए क्या है मामला
By एसके गुप्ता | Published: January 16, 2021 08:07 PM2021-01-16T20:07:41+5:302021-01-16T20:08:24+5:30
राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. एके राणा को कर्मचारी और रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की ओर से भेजे गए पत्रों पर जवाब मांगा गया तो उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।
नई दिल्लीः वैक्सीनेशन के पहले दिन राम मनोहर लोहिया अस्पताल में टीकाकरण का कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और कर्मचारी एसोसिएशन की ओर से अस्पताल प्रशासन को लिखित में विरोध पहुंच गया।
इसमें प्रशासन से कहा गया कि कोवाक्सीन वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। कोविशील्ड सुरक्षित है और वैक्सीन ट्रायल के सारे मोड पूरे किए हैं। इस बारे में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. एके राणा को कर्मचारी और रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की ओर से भेजे गए पत्रों पर जवाब मांगा गया तो उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।
हालांकि अस्पताल की ओर से यह कहा गया कि वैक्सीनेशन एक स्वैच्छिक कार्यक्रम है। इसमें किसी को जबरदस्ती वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है। अगर किसी का मन है तो वह वैक्सीन लगवाए, जिसका मन नहीं है वह वैक्सीन न लगवाए।
उधर आरएमएल अस्पताल में वैक्सीनेशन कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्वनी चौबे ने कहा कि आज का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने आरएमएल में लगाई जा रही कोवाक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा कि देश में कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं।
लोग इन अफवाहों में न आएं। विपक्षी दलों द्वारा टीके को लेकर जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं, वह ठीक नहीं हैं। भारत के वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत के बाद मेड इन इंडिया वैकसीन तैयार हुई है। वैक्सीन पर उंगली उठाने का मतलब भारत के वैज्ञानिकों का अपमान करना है। टीका पूरी तरह से सुरक्षित है।
सरकारी अस्पतालों में कोवाक्सीन प्राइवेट में कोविशील्ड-
देश में शनिवार को कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई। इसकी शुरुआत के साथ ही यह सवाल उठने लगे कि कोवाक्सीन वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में और कोविशील्ड वैक्सीन प्राइवेट अस्पतालों में क्यों लगाई जा रही है?
सरकारी अस्पतालों में कोविशील्ड की आपूर्ति की गई है जबकि 42 निजी अस्पतालों को कोविशील्ड भेजी गई है। ऐसा क्यों? सवाल के जवाब पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने लोकमत से कहा कि कौन सा विशिष्ट टीका कौन से टीका करण केंद्र पर जाएगा इसका निर्णय राज्य और केंद्रशासित राज्य सरकारों की ओर से किया गया है।