अदालतों का कानून से परे जाकर उपकार करना अन्य के साथ क्रूरता : अदालत

By भाषा | Updated: January 11, 2021 21:21 IST2021-01-11T21:21:13+5:302021-01-11T21:21:13+5:30

Courts to go beyond the law and cruelty to others: court | अदालतों का कानून से परे जाकर उपकार करना अन्य के साथ क्रूरता : अदालत

अदालतों का कानून से परे जाकर उपकार करना अन्य के साथ क्रूरता : अदालत

नयी दिल्ली, 11 जनवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह कानून से परे जाकर उदारता नहीं बरत सकता है क्योंकि ‘‘कानून से आगे जाकर उपकार करना अन्य के प्रति क्रूरता’’ करना होगा।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने इग्नू के दो छात्रों की याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की जिन्होंने विश्वविद्यालय को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि उन्हें जीव विज्ञान की परीक्षा में कृपांक दिए जाएं।

दोनों दिल्ली विश्वविद्यालय की एलएलबी की प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण हो गए थे लेकिन स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा में जीव विज्ञान की परीक्षा में अनुत्तीर्ण रहने की वजह से उन्हें प्रवेश नहीं मिल सका। इस कारण से उन्होंने कृपांक की मांग की थी।

पहले उन्होंने एकल पीठ के समक्ष कृपांक के लिए याचिका दाखिल की थी लेकिन एकल न्यायाधीश ने 25 नवंबर, 2020 को उनकी याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके विरुद्ध उन्होंने खंडपीठ के समक्ष अपील दाखिल की।

खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश के फैसले को कायम रखते हुए कहा कि इस तरह का कोई नियम या कानून नहीं है जिसमें उनके परीक्षा में अनुत्तीर्ण रहने के बाद कृपांक दिए जाने की अनुमति हो।

पीठ ने कहा, ‘‘हम कानून से परे जाकर उदार नहीं हो सकते। कानून से आगे जाकर उपकार करना अन्य के प्रति क्रूरता है।’’

पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।

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Web Title: Courts to go beyond the law and cruelty to others: court

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