अदालत ने जाति प्रमाणपत्र को चुनौती देने वाली याचिका पर भाजपा विधायक को समन भेजा
By भाषा | Updated: July 6, 2021 16:36 IST2021-07-06T16:36:24+5:302021-07-06T16:36:24+5:30

अदालत ने जाति प्रमाणपत्र को चुनौती देने वाली याचिका पर भाजपा विधायक को समन भेजा
अहमदाबाद, छह जुलाई गुजरात उच्च न्यायालय ने भाजपा विधायक निमिषा सुथार के जाति प्रमाणपत्र को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता सुरेश कटारा की याचिका पर सुथार और निर्वाचन आयोग को समन जारी किया है। कटारा अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित मोरवा हदफ निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव में सुथार से हार गये थे।
न्यायमूर्ति निखिल एस करील ने जनप्रतिनिधि अधिनियम के प्रावधानों के तहत सोमवार को निर्वाचन अधिकारी तथा भारत निर्वाचन आयोग समेत सुथार एवं अन्य प्रतिवादियों को समन जारी किया और उन्हें दो अगस्त को अदालत के समक्ष पेश होने को कहा।
सुथार ने इस साल दो मई को हुए मोरवा हदफ विधानसभा सीट (पंचमहल जिला) के उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार कटारा को हराकर जीत हासिल की, जो अनुसूचित जनजाति (एसटी) उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित है। कटारा ने हाल में उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर सुथार के निर्वाचन को रद्द करने का निर्देश देने का अनुरोध किया और आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग में सुथार ने जो जाति प्रमाणपत्र जमा किया है वह ‘‘गलत और अपुष्ट’’ है।
इस साल निर्दलीय विधायक भूपेंद्र खांट के निधन के कारण इस सीट पर उपचुनाव हुआ। खांट के जाति प्रमाणपत्र को इससे पहले गुजरात सरकार ने अमान्य करार दिया था जिसके बाद उन्हें विधायक पद से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। खांट ने उन्हें अयोग्य घोषित करने के राज्यपाल के फैसले को चुनौती देते अदालत में याचिका दाखिल की थी जिस पर सुनवाई लंबित थी। लेकिन उनकी मृत्यु के बाद इसका निपटारा कर दिया गया।
अपनी याचिका में कटारा ने दावा किया कि सुथार एसटी समुदाय से नहीं आतीं और उनका जाति प्रमाणपत्र गलत है जिसे बिना पुष्टि के जमा किया गया।
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