अदालत ने प्रादेशिक सेना में चयन के लिए आठ महिलाओं की याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब
By भाषा | Published: September 1, 2021 07:01 PM2021-09-01T19:01:09+5:302021-09-01T19:01:09+5:30
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को उन आठ महिलाओं की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा जिन्होंने प्रादेशक सेना के लिए आवेदन दिया है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि 2019 में महिलाओं के लिए चयन खोलने के बाद भी अधिकारियों ने अबतक अंतिम नतीजा जारी नहीं किया और उम्मीदवारों का चयन कर भी लिया है। न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने याचिका पर केंद्र, सेना प्रमुख, अतिरिक्त भर्ती महानिदेशक एवं प्रादेशिक सेना को नोटिस जारी किये। अदालत इस मामले में अब 15 दिसंबर को आगे विचार करेगी। यह याचिका प्रादेशिक सेना कमीशन- 2019 के लिए अंतिम नतीजे के प्रकाश के बगैर अधिकारियों द्वारा प्राथमिक साक्षात्कार बोर्ड में प्रादेशिक सेना के अधिकारियों (गैर विभागीय) के तौर पर कमीशन के वास्ते उम्मीदवारों के चयन में किये गये कथित ‘ अनुचित, अतार्किक, मनमानापूर्ण एवं भेदभावकारी कृत्य’ के खिलाफ दायर की गयी है। आठ महिला आवेदकों की इस याचिका में कहा गया है कि अधिकारियों ने विवेक का इस्तेमाल किये बगैर ही ज्वाइनिंग निर्देश जारी करके अवैध रूप से कदम उठाया और कुछ उम्मीदवारों को प्रवेश दिलाया । याचिका के अनुसार उन्होंने (अधिकारियों ने) इस तथ्य की अनदेखी की कि अंतिम नतीजा आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया गया है , साथ ही उन्हें (महिला आवेदकों को) इसकी सूचना भी नहीं दी गयी। याचिकाकर्ताओं ने वरिष्ठ वकील कार्तिक यादव के माध्यम से अर्जी दायर की है और अनुरोध किया है कि अधिकारियों को नतीजे के प्रकाश में उनके प्रतिवेदन पर गौर करने का निर्देश दिया जाए। याचिका के अनुसार अधिकारियों ने याचिकाकर्ताओं को जो जवाब दिया है उससे और अस्पष्टता एवं चिंता पैदा हो रही है , उन्होंने कहा कि है महिला उम्मीदवारों के लिए सीमित रिक्तता है एवं मेधा रिक्तता की उपलब्धता के आधार पर तैयार की गयी।
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