सुनवाई में देरी कराने के उत्तर प्रदेश के आरोप पर न्यायालय ने मुख्य सचिव से हलफनामा मांगा
By भाषा | Published: September 29, 2021 09:32 PM2021-09-29T21:32:16+5:302021-09-29T21:32:16+5:30
नयी दिल्ली, 29 सितंबर अपनी पत्नी की हत्या के दोषी एक शख्स द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपनी अपील पर सुनवाई में देरी कराने के उत्तर प्रदेश सरकार के दावे पर उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को राज्य के गृह सचिव से शुक्रवार तक हलफनामा मांगा जिसमें यह जानकारी हो कि दोषी ने कितनी बार कार्यवाही स्थगित कराई है।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘कृपया असंभव बयान मत दीजिए। मैं उत्तर प्रदेश में (मामलों की) स्थिति जानता हूं।’’
शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी तब आई जब राज्य सरकार की ओर से वकील ने कहा कि पिंटू सैनी नामक शख्स को दोषी करार दिये जाने के खिलाफ उसकी अपील उच्च न्यायालय में 2016 से लंबित है और उसके वकील के कहने पर अनेक बार सुनवाई स्थगित हुई है।
पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी शामिल रहीं। पीठ ने राज्य के वकील शांतनु सिंह से कहा कि गृह सचिव की ओर से हलफनामा दाखिल कराया जाए। उसने सुनवाई शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध की।
पीठ ने अपने आदेश में इस बात का संज्ञान लिया कि राज्य सरकार के वकील ने कहा है कि याचिकाकर्ता की आपराधिक अपील लंबित रहते हुए उसने कार्यवाही कई बार स्थगित कराई है।
दूसरी तरफ दोषी के वकील ने इस दलील को खारिज करते हुए दावा किया कि उच्च न्यायालय में अभी ‘आपराधिक अपील पेपर बुक’ तक तैयार नहीं की गयी है।
पीठ ने कहा कि इन परिस्थितियों में, हम यूपी राज्य के गृह सचिव को 1 अक्टूबर, 2021 या उससे पहले एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं। पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि अधिकारी हलफनामा देने में विफल रहते हैं तो वह एक अक्टूबर को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित हों।
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