दिल्ली दंगा: कोर्ट ने जामिया की छात्रा और राजद नेता मीरान हैदर की जमानत याचिका खारिज की
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 5, 2022 11:11 PM2022-04-05T23:11:12+5:302022-04-05T23:19:19+5:30
दिल्ली के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) सहित विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की युवा शाखा के नेता और जामिया मिलिया इस्लामिया की आरोपी छात्रा मीरान हैदर की जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।
दिल्ली: दिल्ली की सेशन कोर्ट ने 2020 में दिल्ली दंगों से संबंधित कथित आपराधिक साजिश के एक मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की युवा शाखा के नेता और जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्रा मीरान हैदर की जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) सहित विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामले में आदेश पारित किया।
हैदर के अलावा दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद, शरजील इमाम, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट एक्टिविस्ट खालिद सैफी, पिंजरा टॉड एक्टिविस्ट गुलफिशा फातिमा, सफूरा जरगर, नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन सहित कई अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि बड़ी संख्या में छात्रों, पूर्व छात्रों और एक विशेष समुदाय के अन्य सदस्यों ने सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) विरोधी रैली में भाग लिया।
पुलिस ने आरोप लगाया कि दिल्ली दंगे के आरोपियों ने विरोध मार्च बुलाकर भीड़ का नेतृत्व किया और सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काकर एक “साझा साजिश” रची।
उन्होंने बताया कि जामिया परिसर के बाहर तैनात बैरिकेड्स/पुलिस पार्टी पर पुलिसकर्मियों पर हमला, पुलिस और सार्वजनिक/निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।
इस दौरान उपद्रवियों ने पथराव और आगजनी को बढ़ावा दिया। दिल्ली पुलिस ने हैदर को इस मामले में 1 अप्रैल 2020 को गिरफ्तार किया था।