अदालत ने 31 मार्च के बाद जारी आयकर पुनर्मूल्यांकन नोटिस रद्द किए
By भाषा | Updated: December 16, 2021 00:26 IST2021-12-16T00:26:58+5:302021-12-16T00:26:58+5:30

अदालत ने 31 मार्च के बाद जारी आयकर पुनर्मूल्यांकन नोटिस रद्द किए
नयी दिल्ली, 15 दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने आयकर अधिनियम के एक प्रावधान के तहत इस साल 31 मार्च के बाद आयकर विभाग द्वारा जारी सभी पुनर्मूल्यांकन नोटिस बुधवार को रद्द कर दिए।
अदालत ने 1,346 याचिकाओं के एक समूह पर आम निर्णय सुनाते हुए यह आदेश दिया। अदालत ने इस सवाल पर विचार किया कि क्या विधायिका के विशिष्ट प्राधिकार के बिना सरकार या कार्यपालिका अधिसूचनाओं के स्पष्टीकरण के माध्यम से कानून बना या बदल सकती है और क्या वे विधायिका द्वारा बनाए गए कानून के कार्यान्वयन में बाधा डाल सकती हैं।
करदाताओं ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 148 के तहत आयकर विभाग द्वारा 31 मार्च, 2021 के बाद जारी किए गए पुनर्मूल्यांकन नोटिस को रद्द करने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी। यह अधिनियम कर-निर्धारण अधिकारी को मूल्यांकन या पुनर्मूल्यांकन करने की शक्ति प्रदान करता है।
न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने 31 मार्च, 2021 और 27 अप्रैल, 2021 की अधिसूचनाओं के दो स्पष्टीकरणों को कराधान और अन्य कानून (कुछ प्रावधानों में छूट और संशोधन) अधिनियम, 2020 के अधिकार क्षेत्र से परे घोषित किया और उन्हें अमान्य करार दिया।
पीठ ने कहा, ‘‘नतीजतन, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 148 के तहत जारी किए गए पुनर्मूल्यांकन नोटिस रद्द किए जाते हैं और वर्तमान रिट याचिकाएं स्वीकार की जाती है।
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