शिवालिक रिजर्व की अधिसूचना रद्द करने के सरकारी आदेश पर अदालत की रोक

By भाषा | Updated: January 12, 2021 23:40 IST2021-01-12T23:40:18+5:302021-01-12T23:40:18+5:30

Court orders ban on government order canceling notification of Shivalik Reserve | शिवालिक रिजर्व की अधिसूचना रद्द करने के सरकारी आदेश पर अदालत की रोक

शिवालिक रिजर्व की अधिसूचना रद्द करने के सरकारी आदेश पर अदालत की रोक

नैनीताल, 12 जनवरी उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने शिवालिक एलीफेंट रिजर्व की अधिसूचना रद्द करने वाले हाल में जारी शासनादेश पर रोक लगा दी है ।

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की खंडपीठ ने सोमवार को रिजर्व की अधिसूचना रद्द करने संबंधी शासनादेश पर रोक लगाते हुए कहा कि यह वन संरक्षण कानून 1980 के प्रावधानों के खिलाफ है ।

शिवालिक रिजर्व हाथियों के संरक्षण के लिए उत्तराखंड का एकमात्र रिजर्व है ।

उच्च न्यायालय द्वारा शुक्रवार को रिजर्व की अधिसूचना रद्द करने की राज्य वन्यजीव बोर्ड की सिफारिश पर रोक लगाए जाने के बावजूद उसी दिन सरकार ने शासनादेश जारी कर दिया था ।

इस बीच, देहरादून में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि रिजर्व की अधिसूचना रद्द करने संबंधी शासनादेश जारी करते समय राज्य सरकार को उच्च न्यायालय द्वारा बोर्ड की सिफारिश पर रोक लगाने के बारे में नहीं मालूम था ।

इससे पहले, करीब 80 पर्यावरणविदों ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर सरकार द्वारा शिवालिक रिजर्व को समाप्त करने के प्रयासों को रोकने की प्रार्थना की थी ।

इसके बाद जनहित याचिका दायर कर कहा गया कि हाथी के प्राकृतिक आवास को नष्ट करना उनके साथ क्रूरता होगी । यह जनहित याचिका पर्यावरण कार्यकर्ता रीनू पॉल ने दायर की थी ।

उत्तराखंड के कुमांउ और गढवाल दोनों क्षेत्रों में 5400 वर्गकिमी क्षेत्र में फैले शिवालिक एलीफेंट रिजर्व को 2002 में एक सरकारी आदेश के जरिए अधिसूचित किया गया था ।

जौलीग्रांट हवाई अडडे के विस्तार सहित क्षेत्र में विकास गतिविधियों का रास्ता खोलने के लिए सरकार ने शिवालिक एलीफेंट रिजर्व की अधिसूचना रद्द की थी।

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Web Title: Court orders ban on government order canceling notification of Shivalik Reserve

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