जाति प्रमाणपत्र में अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल पर रोक के लिए याचिका पर अदालत का नोटिस
By भाषा | Published: July 26, 2021 05:28 PM2021-07-26T17:28:02+5:302021-07-26T17:28:02+5:30
नयी दिल्ली ,26जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखने वाले लोगों को जाति प्रमाणपत्र में कथित तौर पर अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करने के लिए दायर याचिका पर सोमवार को केन्द्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किए।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केन्द्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर उन्हें इस याचिका पर जबाव दाखिल करने का निर्देश दिया ।
प्राधिकारियों के वकील ने निर्देश लेने और जवाब देने के लिए अदालत से कुछ वक्त की मोहलत मांगी। इस पर अदालत मामले को 31 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
यह याचिका अखिल भारतीय गिहारा समाज जागृति परिषद के अध्यक्ष सुधीर कुमार गिहारा ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि सरकार जो जाति प्रमाणपत्र जारी करती है उसमें अपमानजनक और अभद्र शब्दावली होती है। याचिका के अनुसार उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कथित अपमानजनक शब्दों को हटाने की कई बार मांग की लेकिन उसका कोई हल नहीं निकला।
अधिकवक्ता प्राग चावला के माध्यम से दायर इस याचिका में कहा गया है कि उनके सुमदाय को ‘गिहारा’ नाम से जाना जाता है, जो कि अनुसूचित जाति में आता है और अधिकारियों को कथित रूप से अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करने की बजाए जाति के तौर पर प्रमाण पत्र में ‘गिहारा’ उल्लेख करने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
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