उत्तराधिकार के लिए समान कानून के अनुरोध वाली याचिका पर न्यायालय ने केंद्र को नोटिस जारी किया
By भाषा | Updated: March 10, 2021 20:42 IST2021-03-10T20:42:32+5:302021-03-10T20:42:32+5:30

उत्तराधिकार के लिए समान कानून के अनुरोध वाली याचिका पर न्यायालय ने केंद्र को नोटिस जारी किया
नयी दिल्ली, 10 मार्च उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एक जनहित याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा जिसमें उत्तराधिकार संबंधी कानूनों में विसंगतियां दूर करने और उन्हें सभी नागरिकों के लिए एक समान बनाने का अनुरोध किया गया है।
याचिका में कहा गया कि न्याय, समानता और महिलाओं का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए उत्तराधिकार में लिंग और धर्म निरपेक्ष कानून जरूरी हैं।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना तथा न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने गृह मंत्रालय, विधि एवं न्याय मंत्रालय और महिला और बाल विकास मंत्रालय को नोटिस जारी किये।
पीठ ने मामले को एक लंबित याचिका के साथ जोड़ दिया जिसमें तलाक के लिए समान आधार की मांग की गयी है। पीठ ने मामले में हस्तक्षेप के अनुरोध वाली एक याचिका को भी विचारार्थ स्वीकार कर लिया।
वकील अश्विनी कुमार दुबे के माध्यम से दाखिल याचिका में विधि आयोग को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है कि विकसित देशों के उत्तराधिकार संबंधी कानूनों और इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय समझौतों का अध्ययन किया जाए तथा तीन महीने के अंदर सभी नागरिकों के लिए ‘उत्तराधिकार के समान आधार’ पर रिपोर्ट तैयार की जाए।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।