यूपी विधानसभा में लगी अदालत, 6 पुलिसकर्मियों को हुई एक दिन की जेल, 58 साल बाद ऐसा हुआ, जानिए क्या है मामला

By शिवेंद्र राय | Published: March 3, 2023 04:25 PM2023-03-03T16:25:49+5:302023-03-03T16:27:52+5:30

विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना के जिस मामले में 6 पुलिसकर्मियों को एक दिन की सजा सुनाई गई वह 2004 का है। कानपुर में बिजली कटौती के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे भाजपा नेता सतीश महाना और उनके समर्थकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।

Court held in UP Assembly, 6 policemen jailed for one day, this happened after 58 years | यूपी विधानसभा में लगी अदालत, 6 पुलिसकर्मियों को हुई एक दिन की जेल, 58 साल बाद ऐसा हुआ, जानिए क्या है मामला

विधायक सलील बिश्नोई को 5 पुलिसकर्मियों ने 2005 में पीटा था

Highlightsविधायक सलील बिश्नोई को 5 पुलिसकर्मियों ने 2005 में पीटा थाविधानसभा की विशेषाधिकार समिति की जांच में दोषी17 साल बाद सुनाई गई दोषियों को सजा

लखनऊ :आम तौर पर किसी अपराध के साबित होने पर में दोषियों को सजा सुनाने का कम अदालत में होता है। न्यायाधीश तय करते हैं कि किसी को कितनी सजा दी जाए। लेकिन एक ऐतिहासिक घटनाक्रम के तहत शुक्रवार, 3 मार्च को यूपी विधानसभा में  6 पुलिसकर्मियों को एक दिन की सजा सुनाई गई। इस दौरान विधानसभा न्यायलय में तब्दील हो गई और जज बने विधानसभा अध्यक्ष।

क्या है मामला

विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना के जिस मामले में 6 पुलिसकर्मियों को एक दिन की सजा सुनाई गई वह  2004 का है। कानपुर में बिजली कटौती के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे भाजपा नेता सतीश महाना और उनके समर्थकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। तब राज्य में सपा की सरकार थी और मुख्यमंत्री थे मुलायम सिंह यादव।

पुलिस के लाठी चार्ज में भाजपा विधायक सलिल विश्नोई को गंभीर चोट आई थी और उनका पैर टूट गया था। इस मामले में उत्तर प्रदेश की विधानसभा में विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना की सूचना दी गई।  6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ साल 2005 तक सुनवाई हुई। पुलिस कर्मियों को दोषी पाया गया लेकिन 17 साल तक सजा नहीं सुनाई जा सकी। अब यूपी विधानसभा के बजट सत्र में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में विशेषाधिकार से जुड़े प्रस्ताव को रखा जिसकी सदन ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी। बता दें कि साल 2005 में जो भाजपा नेता सतीश महाना धरना कर रहे थे वही वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष हैं। 

इस मामल में दोषी 6 पुलिस कर्मी सदन के सामने पेश हुए जो उस समय कानपुर में तैनात थे। दोषी पुलिस कर्मियों के नाम हैं, सीओ अब्दुल समद, किदवई नगर के थानाध्यक्ष ऋषिकांत शुक्ला, एसआई थाना कोतवाली त्रिलोकी सिंह, किदवई नगर थाने के सिपाही छोटे सिंह यादव, काकादेव थाने के सिपाही विनोद मिश्र और काकादेव थाने के सिपाही मेहरबान सिंह। 

बता दें कि 58 साल बाद ऐसा हुआ जब विधानसभा में अदालत लगाई गई। इससे पहले ऐसा घटना 1964 में हुई थी। इस मामले पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सदन में यह गलत परंपरा शुरू हो रही है।

Web Title: Court held in UP Assembly, 6 policemen jailed for one day, this happened after 58 years

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे