राजद्रोह केस: शेहला रशीद को मिली बड़ी राहत, गिरफ्तारी से मिली छूट, कश्मीर में भारतीय सेना को बदनाम करने का है आरोप
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 10, 2019 09:45 AM2019-09-10T09:45:15+5:302019-09-10T09:46:40+5:30
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट की नेता शेहला रशीद पर भारतीय सेना को बदनाम करने का आरोप है।
जम्मू-कश्मीर के पीपुल्स मूवमेंट की नेता शेहला रशीद को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने गिरफ्तारी से अंतिम सुरक्षा प्रदान की। शेहला पर भारतीय सेना को बदनाम करने का आरोप है।
बता दें कि शेहला रशीद के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि रशीद ने कई ट्वीट कर आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिए जाने के बाद सशस्त्र बलों ने घाटी में आम नागरिकों को ‘‘प्रताड़ित” किया और घरों में “तोड़फोड़” की।
रशीद ने 17 अगस्त को एक के बाद एक कई ट्वीट कर आरोप लगाया कि कश्मीर में सशस्त्र बल रात में घरों में घुसे और उनमें “तोड़फोड़” की। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया था कि चार लोगों को शोपियां में सैन्य शिविर में बुलाया गया और उनसे “पूछताछ की (प्रताड़ित किया) ।”
उन्होंने दावा किया था कि इन लोगों के पास में एक माइक रखा गया था ताकि, “पूरा इलाका उनकी चीख सुन सके और आतंकित हो।”
बाद में, उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक के पास यह कहते हुए शिकायत दर्ज कराई कि जेएनयू की पूर्व छात्र नेता के आरोप “पूरी तरह गलत और मनगढ़ंत” हैं।
अपनी शिकायत में श्रीवास्तव ने कहा था कि रशीद के आरोप निराधार हैं क्योंकि उन्होंने कथित प्रताड़ना की न कोई “वॉइस रिकॉर्डिंग” सामने रखी और न ही घटनाओं की तारीख और समय बताया।
साथ ही उन्होंने रशीद पर “देश में हिंसा भड़काने की मंशा से जानबूझ कर फर्जी खबरें फैलाने” और भारतीय सेना की छवि धूमिल करने का भी आरोप लगाया।
श्रीवास्तव ने अपनी शिकायत में कहा कि उनकी हरकत, “प्रथम दृष्टया देशद्रोह का अपराध है’’ क्योंकि उनकी मंशा, “भारत सरकार के प्रति घृणा पैदा करने की थी।”
पुलिस ने कहा कि श्रीवास्तव से शिकायत मिलने के बाद इसे जांच के लिए दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ को सौंप दिया गया।
तीन सितंबर को दर्ज की गई प्राथमिकी में रशीद पर भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 124ए (देशद्रोह), 153 ए (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य भड़काना), 153 (दंगा भड़काने की मंशा से अकारण उकसाना), 504 (शांति भंग करने की मंशा के साथ जानबूझकर अपमानित करना) और 505 (लोक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले वक्तव्य) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दिल्ली पुलिस का विशेष प्रकोष्ठ रशीद के सहपाठी एवं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामले की भी जांच कर रहा है।
मेरे खिलाफ राजद्रोह का मामला तुच्छ और राजनीति से प्रेरित : शेहला रशीद
शेहला राशिद ने उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले को “तुच्छ”, “राजनीति से प्रेरित” और उन्हें चुप कराने का “दयनीय प्रयास” करार दिया है। उन्होंने कहा, “प्राथमिकी ओछी, दुर्भावनापूर्ण और मुझे चुप कराने का हद दर्जे का प्रयास है। “मैं संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द किए जाने को संवैधानिक चुनौती देने के मामले में एक याचिकाकर्ता हूं और उच्चतम न्यायालय में हमारी याचिका इसे बहाल करने के संबंध में एक मजबूत पक्ष रखती है। मेरे ट्वीट में मैंने स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया था कि ये राज्य के लोगों से मिली सूचना पर आधारित है।”
रशीद ने कहा कि ऐसी स्थिति जहां संवाददाताओं को खबर देने की इजाजत नहीं, मीडिया, सोशल मीडिया, टेलीफोन और पत्र व्यवहार पर रोक लगी हुई हो, यह जरूरी था कि विमर्शों को लोगों के सामने रखा जाए ताकि देश के अन्य हिस्सों में रह रहे लोगों को पता चले कि जम्मू-कश्मीर में क्या हो रहा है।”