न्यायालय ने जमानत पर स्थगनादेश के मुकाबले विस्तृत अंतरिम राहत दी है : पुलिस
By भाषा | Published: June 19, 2021 01:22 AM2021-06-19T01:22:40+5:302021-06-19T01:22:40+5:30
नयी दिल्ली, 18 जून दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को दावा किया कि उच्चतम न्यायालय ने उनके दृष्टिकोण को पूरी तरह स्वीकार किया है और उच्च न्यायालय के आदेश पर स्थगनादेश के मुकाबले ज्यादा विस्तृत अंतरित राहत दी है।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा जमानत के एक मामले में समूचे आतंकवाद निरोधी कानून ‘यूएपीए’ पर चर्चा किये जाने को लेकर नाखुशी जाहिर की और यह स्पष्ट किया कि उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में तीन छात्र कार्यकर्ताओं को जमानत देने के उच्च न्यायालय के फैसले का इस्तेमाल देश की किसी भी अदालत द्वारा मिसाल के तौर पर नहीं किया जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने एक बयान में दावा किया कि उसने आरोपियों नताशा नरवाल, देवांगना कालिता और आसिफ इकबाल तनहा की फिर से गिरफ्तारी का अनुरोध नहीं किया था।
पुलिस ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने सिर्फ आदेश में की गई यूएपीए कानून की समीक्षा और उसकी कानूनी व्याख्या तथा देश भर में लंबित अन्य मुकदमों पर उसके क्रियान्वयन पर स्थगनादेश का अनुरोध किया था।
दिल्ली पुलिस के जन संपर्क अधिकारी चिन्मय बिस्वाल द्वारा जारी बयान के अनुसार, ‘‘मीडिया में कुछ जगह खबरें हैं कि दिल्ली पुलिस के अधिवक्ता द्वारा अनुरोध किए जाने के बाद भी उच्चतम न्यायालय ने मामले में स्थगनादेश जारी करने से इंकार किया। हमारा कहना है कि यह बयान, तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि कृपया यह समझें कि उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली पुलिस की प्रार्थना को पूरी तरह स्वीकार किया और स्थगनादेश के मुकाबले ज्यादा विस्तृत अंतरिम राहत दी है।
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