न्यायालय ने पंजाब के पूर्व डीजीपी को हत्या के मामले में अंतरिम जमानत दी

By भाषा | Published: December 3, 2020 12:52 PM2020-12-03T12:52:07+5:302020-12-03T12:52:07+5:30

Court granted interim bail to former Punjab DGP in murder case | न्यायालय ने पंजाब के पूर्व डीजीपी को हत्या के मामले में अंतरिम जमानत दी

न्यायालय ने पंजाब के पूर्व डीजीपी को हत्या के मामले में अंतरिम जमानत दी

नयी दिल्ली, तीन दिसम्बर उच्चतम न्यायालय ने पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को 1991 के एक कनिष्ठ अभियंता की कथित हत्या से जुड़े मामले में बृहस्पतिवार को अंतरिम जमानत दे दी।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर.सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह की एक पीठ ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ सैनी की अपील को स्वीकार किया, जिसमें अदालत ने 29 साल पुराने मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत के सैनी के अनुरोध को खारिज कर दिया था।

शीर्ष अदालत ने पंजाब पुलिस को निर्देश दिया कि एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही धनराशि के दो जमानती बॉन्ड भरने के बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दे।

उसने सैनी की याचिका पर 17 नवम्बर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

बलवंत सिंह मुल्तानी के गायब होने के 1991 के मामले में जालंधर में रहने वाले उसके रिश्तेदार पलविन्दर सिंह मुल्तानी की शिकायत पर सैनी और छह अन्य के खिलाफ मई महीने में मामला दर्ज किया गया।

उस समय मुल्तानी ‘चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन’ के साथ एक कनिष्ठ अभियंता के तौर पर काम करते थे।

शीर्ष अदालत ने 15 सितंबर को सैनी को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान करते हुये पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उनकी याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा था। उच्च न्यायालय ने बलवंत सिंह मुल्तानी की कथित हत्या के मामले में सैनी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।

सुनवाई के दौरान सैनी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनके मुवक्किल एक ‘‘सम्मानित’’ अधिकारी रहे हैं और पंजाब में खतरों से निपटने के उनके सख्त रवैये के कारण हमेशा वह आतंकवदियों का निशाना पर रहे। यह मामले में वह ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ का एक उदाहरण है, क्योंकि जब वह सेवा में थे तब उन्होंने वर्तमान मुख्यमंत्री के खिलाफ भी कई प्राथमिकियां दर्ज की थी।

राज्य सरकार ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस समय सैनी को जमानत दिए जाने से जांच प्रभावित होगी।

शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि सैनी को हिरासत में रखने की क्या जरूरत है, जब कथित अपराध हुए 30 साल हो चुके हैं।

उच्च न्यायालय ने आठ सितम्बर को सैनी के, मुल्तानी की कथित हत्या के मामले में अग्रिम जमानत सहित दो आवेदन खारिज कर दिये थे। मोहाली अदालत के एक सितम्बर को उनकी जमानत याचिका खारिज करने के बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया था।

पंजाब पुलिस ने सैनी की सुरक्षा वापस लेने के उनकी पत्नी के दावे से इंकार करते हुये तीन सितंबर को दावा किया था कि सैनी ‘फरार’ हो गये है।

मोहाली अदालत ने 21 अगस्त को पंजाब पुलिस को उन पर हत्या के आरोप लगाने की अनुमति दे दी थी।

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Web Title: Court granted interim bail to former Punjab DGP in murder case

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