कोयला घोटाला : नवीन जिंदल, अन्य के खिलाफ धारा 420, धारा 120 बी के तहत आरोप तय
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 25, 2019 06:57 PM2019-07-25T18:57:08+5:302019-07-25T18:58:20+5:30
विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने जिंदल, जिंदल स्टील एवं पावर लिमिटेड के पूर्व निदेशक सुशील मारू, पूर्व प्रबंध उपनिदेशक आनंद गोयल, सीईओ विक्रांत गुजराल और कंपनी के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता डी एन अबरोल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखधड़ी) और धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत ये आरोप तय किए।
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उद्योगपति नवीन जिंदल और उनकी कंपनी के चार अन्य अधिकारियों के खिलाफ बृहस्पतिवार को आरोप तय किए।
दिल्ली की एक अदालत ने उद्योगपति नवीन जिंदल और उनकी कंपनी के चार अन्य अधिकारियों के खिलाफ बृहस्पतिवार को आरोप तय किए।
कोयला ब्लॉक आवंटन को लेकर छानबीन समिति (स्क्रीनिंग कमेटी) के सामने कथित तौर पर गलत दावे करने के मामले मामले में ये आरोप तय किए गए। विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने जिंदल, जिंदल स्टील एवं पावर लिमिटेड के पूर्व निदेशक सुशील मारू, पूर्व प्रबंध उपनिदेशक आनंद गोयल, सीईओ विक्रांत गुजराल और कंपनी के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता डी एन अबरोल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखधड़ी) और धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत ये आरोप तय किए।
अदालत ने ये आरोप तब तय किए जब आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया और इस मामले में मुकदमा चलाने की मांग की जो मध्य प्रदेश के उरतन उत्तरी कोयला ब्लॉक के आवंटन से जुड़ा हुआ है। अदालत ने आरोप तय किए जाने के अपने एक जुलाई के आदेश में कहा कि “प्रथम दृष्टया” कंपनी ने जमीन और उपकरणों की खरीद के संबंध में किए गए ऑर्डर को लेकर छानबीन समिति के समक्ष गलत दावे दायर किए।
जिंदल झारखंड के अमरकोंडा मुर्गदंगल कोयला ब्लॉक के आवंटन में कथित गड़बड़ियों से जुड़े एक और मामले में आरोपी हैं जिसमें पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा भी आरोपी हैं।
मामले में दायर सीबीआई के आरोप-पत्र के मुताबिक मध्य प्रदेश कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए आरोपियों ने जनवरी 2007 के आवेदन में समिति के सामने गलत तथ्य प्रस्तुत किए और इस तरह से अनुचित ढंग से लाभ कमाने के लिए कोयला मंत्रालय के साथ धोखाधड़ी की।
मंत्रालय ने अक्टूबर 2009 में कंपनी को आवंटन पत्र जारी किया था। जांच एजेंसी ने मामले को साबित करने के लिए अभियोजन पक्ष की तरफ से 64 लोगों को प्रत्यक्षदर्शी बनाने के साथ ही आरोप-पत्र में 60 दस्तावेज संलग्न किए हैं।