अदालत ने महिला पर हमले के मामले में विजयवर्गीय, भाजपा के दो अन्य नेताओं का अंतरिम संरक्षण बढ़ाया
By भाषा | Published: October 25, 2021 09:08 PM2021-10-25T21:08:29+5:302021-10-25T21:08:29+5:30
कोलकाता, 25 अक्टूबर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भाजपा नेताओं कैलाश विजयवर्गीय, जिस्नु बसु और प्रदीप जोशी को एक महिला पर कथित हमले और आपराधिक धमकी के एक मामले में उन्हें उनकी अग्रिम जमानत की याचिका पर प्रदान किया गया अंतरिम संरक्षण सोमवार को बढ़ा दिया।
याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने कहा था कि महिला ने शुरू में उनके खिलाफ हमले की दो शिकायतें दर्ज करायी थीं और जब पुलिस ने दोनों पर क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी तो निचली अदालत के समक्ष दायर एक अर्जी में आरोप लगाया कि तीन नेताओं द्वारा उसका यौन उत्पीड़न किया गया था।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने सोमवार को न्यायमूर्ति देबांगसू बसाक और न्यायमूर्ति रवींद्रनाथ सामंत की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष कहा कि मामले के संबंध में उच्च न्यायालय के पहले के आदेश को चुनौती देने वाली एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है।
उन्होंने अनुरोध किया कि मामले को दो दिन बाद खंडपीठ द्वारा सुनवायी के लिए लिया जा सकता है। शिकायतकर्ता की ओर से पेश वकील ने इस अनुरोध का विरोध किया।
राज्य की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि चूंकि एसएलपी उच्चतम न्यायालय में लंबित है, इसलिए अर्जी पर सुनवायी दो दिनों के लिए स्थगित करना उचित होगा।
सभी पक्षों की सुनवाई करने के बाद खंडपीठ ने निर्देश दिया कि 14 अक्टूबर को प्रदान किया गया अंतरिम संरक्षण एक नवंबर तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, जारी रहेगा।
याचिकाकर्ताओं को अग्रिम जमानत के लिए उनके अनुरोध पर अंतरिम संरक्षण प्रदान करते हुए न्यायमूर्ति हरीश टंडन और न्यायमूर्ति के चंदा की खंडपीठ ने गत 14 अक्टूबर को निर्देश दिया था कि गिरफ्तारी की स्थिति में, विजयवर्गीय, बसु और जोशी को 10,000 रुपये के मुचलके और समान राशि के दो जमानतदारों के साथ अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए। खंडपीठ ने कहा था कि जमानतदारों में से एक गिरफ्तार करने वाले अधिकारी की संतुष्टि के अनुसार स्थानीय होना चाहिए।
अवकाशकालीन पीठ ने अंतरिम जमानत 25 अक्टूबर तक प्रभावी रहने का आदेश देते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता सबूतों के साथ न तो छेड़छाड़ करेंगे, न ही किसी भी प्रकार से गवाहों को धमकाएंगे।
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