अदालत ने आयकर आकलन स्थानांतरण के खिलाफ गांधी परिवार, आप की याचिकाओं पर सुनवायी शुरू की

By भाषा | Updated: July 29, 2021 20:45 IST2021-07-29T20:45:43+5:302021-07-29T20:45:43+5:30

Court begins hearing on petitions of Gandhi family, AAP against transfer of income tax assessment | अदालत ने आयकर आकलन स्थानांतरण के खिलाफ गांधी परिवार, आप की याचिकाओं पर सुनवायी शुरू की

अदालत ने आयकर आकलन स्थानांतरण के खिलाफ गांधी परिवार, आप की याचिकाओं पर सुनवायी शुरू की

नयी दिल्ली, 29 जुलाई कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी वाड्रा, आम आदमी पार्टी एवं अन्य की याचिकाओं पर वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्याायलय से कहा कि कर आकलन का मामला आयकर विभाग के केंद्रीय सर्कल को स्थानांतरित करना एक काला धब्बा है क्योंकि ऐसा सिर्फ तलाशी और जब्ती के मामलों में ही किया जा सकता है।

गांधी और अन्य की ओर से पेश हुए दातार ने न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ के समक्ष तर्क दिया कि जहां दुर्लभतम मामले ही आमने सामने आये (फेसलेस) बगैर ही आकलन से बाहर जाते हैं, यहां तक ​​कि जो मामले स्थानांतरित किए जाते हैं वे संबंधित आकलन अधिकारी को ही स्थानांतरित किये जाते है, न कि केंद्रीय सर्कल को।

दातार ने कहा, ‘‘संजय भंडारी तलाशी और जब्ती में है (जो प्राधिकारियों के अनुसार गांधी परिवार के मामलों के स्थानांतरण का आधार है)। राजनीतिक दल के लिए स्थानांतरण का कोई कारण नहीं बताया गया है।’’

अदालत गांधी परिवार, आप और पांच चैरिटेबल ट्रस्टों के कर निर्धारण को केंद्रीय सर्कल में स्थानांतरित करने के आयकर अधिकारियों के फैसले को चुनौती देने वाली नौ याचिकाओं पर सुनवायी कर रही थी।

पांच चैरिटेबल ट्रस्टों में संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट, जवाहर भवन ट्रस्ट, राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और यंग इंडियन शामिल हैं।

दातार ने अदालत से कहा कि नौ याचिकाओं में कानूनी मुद्दा मोटे तौर पर समान है और पक्षकारों को निर्धारण के स्थानांतरण के समान नोटिस अदालत के समक्ष जारी किए गए थे।

उन्होंने कहा कि वह अपनी दलीलों के प्रयोजनों के लिए संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की याचिका को मुख्य मामले के रूप में मानेंगे।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘एक बार फेसलेस योजना लागू हो जाने के बाद, मामलों को बाहर केंद्रीय सर्कल में कैसे स्थानांतरित किया जा सकता है।’’

उन्होंने तर्क दिया कि फेसलेस निर्धारण नियम था क्योंकि यह मानव संपर्क और किसी भी अस्वास्थ्यकर प्रथाओं से बचाता है।

गत मार्च में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेताओं की याचिकाओं पर आयकर विभाग से जवाब मांगा था। हथियार कारोबारी संजय भंडारी के समूह के समान मानते हुए उनके आयकर आकलन को दूसरे सर्कल में स्थानांतरित करने के आदेश को इन याचिकाओं में चुनौती दी गयी थी।

गांधी परिवार ने प्रधान आयकर आयुक्त के फैसले को इस आधार पर चुनौती दी है कि उनका संजय भंडारी समूह के मामलों से कोई लेना-देना नहीं है और उनके मामले में तलाशी या जब्ती जैसी कोई घटना नहीं हुई है।

धनशोधन के आरोपों में भारत में वांछित भंडारी को लंदन स्थित एक फ्लैट को लेकर प्रियंका गांधी वाद्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा से कथित तौर पर जोड़ा गया है। वाड्रा ने आरोपी के साथ किसी भी व्यावसायिक संबंध से इनकार किया है।

आयकर विभाग की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तब तर्क दिया था कि चूंकि स्थानांतरण शहर के भीतर था, इसलिए कोई पूर्वाग्रह नहीं था और नियम के अनुसार यदि स्थानांतरण एक शहर से दूसरे शहर में होता है, तो अधिकारी को उसका पक्ष सुनना होता है जिसका निर्धारण होना है।

आप की याचिका पर अदालत ने 23 जुलाई को जवाब मांगा था।

याचिका में आप ने अपने मामले को केंद्रीय सर्कल में स्थानांतरित करने में आयकर, छूट आयुक्त की "अवैध, मनमानी, अनुचित और भेदभावपूर्ण कार्रवाई" को चुनौती दी है।

यह आरोप लगाया गया है कि आदेश विभिन्न वैधानिक प्रावधानों, अधिसूचना और परिपत्रों के पूर्ण उल्लंघन में पारित किया गया था और अधिकार क्षेत्र के बिना था।

मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी।

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Web Title: Court begins hearing on petitions of Gandhi family, AAP against transfer of income tax assessment

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