इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने नाबालिग बलात्कार पीड़िता को अनचाहा गर्भ गिराने की इजाजत दी

By भाषा | Published: July 20, 2019 12:58 PM2019-07-20T12:58:45+5:302019-07-20T12:58:45+5:30

न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति आलोक माथुर की पीठ ने बलात्कार पीड़िता नाबालिग लड़की के पिता की याचिका पर यह आदेश दिया। याचिका में कहा गया था कि पीड़ित लड़की का बलात्कार हुआ है और वह इसी के परिणाम स्वरूप 21 सप्ताह की गर्भवती है।

Court allows minor rape victim to drop sputum pregnancy | इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने नाबालिग बलात्कार पीड़िता को अनचाहा गर्भ गिराने की इजाजत दी

पीठ को सुझाव दिया कि इस मामले में बलात्कार पीड़िता का गर्भपात कराने की इजाजत देना न्याय पूर्ण होगा।

Highlightsवह उस बच्चे को जन्म नहीं देना चाहती, क्योंकि यह उसे सारी जिंदगी उस ना भुलाए जा सकने वाले हादसे की याद दिलाता रहेगा।बच्ची के बलात्कार के मामले में उसके पिता की ही उम्र के एक व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता को अनचाहा गर्भ गिराने की इजाजत दे दी। हालांकि अदालत ने गर्भपात करने वाले डॉक्टरों के पैनल से कहा है कि वह भ्रूण के अवशेष को बचा कर रखें ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर उसकी वैज्ञानिक पड़ताल की जा सके।

न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति आलोक माथुर की पीठ ने बलात्कार पीड़िता नाबालिग लड़की के पिता की याचिका पर यह आदेश दिया। याचिका में कहा गया था कि पीड़ित लड़की का बलात्कार हुआ है और वह इसी के परिणाम स्वरूप 21 सप्ताह की गर्भवती है।

यह बलात्कार का नतीजा है। वह उस बच्चे को जन्म नहीं देना चाहती, क्योंकि यह उसे सारी जिंदगी उस ना भुलाए जा सकने वाले हादसे की याद दिलाता रहेगा। बच्ची के बलात्कार के मामले में उसके पिता की ही उम्र के एक व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

अदालत ने इस मामले में गत 17 जुलाई को लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी को निर्देश दिए थे कि वह डॉक्टरों का एक पैनल गठित करें जो यह देखे कि क्या ऐसी हालत में बच्ची का गर्भपात कराया जा सकता है या नहीं। खासकर बलात्कार पीड़िता की शारीरिक और मानसिक स्थिति को देखते हुए ऐसा करना ठीक होगा या नहीं।

मेडिकल यूनिवर्सिटी के वकील अभिनव त्रिवेदी ने गुरुवार को अदालत में पैनल की रिपोर्ट पेश की। इस पर अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर और बुलबुल गोदियाल से न्याय मित्र के तौर पर मदद करने की गुजारिश की।

दोनों वकीलों ने शुक्रवार को अदालत में विस्तार से अपनी बात रखी और पीठ को सुझाव दिया कि इस मामले में बलात्कार पीड़िता का गर्भपात कराने की इजाजत देना न्याय पूर्ण होगा।

Web Title: Court allows minor rape victim to drop sputum pregnancy

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