लाइव न्यूज़ :

भारत से अलग हुए पाकिस्तान जैसे देश संकट में हैं: भागवत ने ‘अखंड भारत’ का समर्थन करते हुए कहा

By भाषा | Updated: February 25, 2021 19:33 IST

Open in App

हैदराबाद, 25 फरवरी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने ‘‘अखंड भारत’’ की आश्यकता पर बल देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भारत से अलग हुए पाकिस्तान जैसे देश अब संकट में हैं।

भागवत ने यहां एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर कहा कि ‘अखंड भारत’ बल नहीं, बल्कि ‘हिंदू धर्म’ के जरिए संभव है।

उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के कल्याण के लिए वैभवशाली अखंड भारत की आवश्यकता है, इसलिए देशभक्ति को जगाए जाने की जरूरत है... ।’’

उन्होंने कहा कि वर्तमान भारत की तुलना उससे अलग हुए छोटे छोटे हिस्सों, जिन्होंने इस देश के साथ अपनी प्रासंगिकता गंवा दी है, को अपने संकट से उबरने के लिए फिर उसके (भारत के साथ) आने की अधिक जरूरत है।

भागवत ने कहा कि ‘अखंड भारत’ की धारणा संभव है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने देश के विभाजन से पहले इस बात को लेकर गंभीर संदेह जताया था कि पाकिस्तान बनेगा या नहीं, लेकिन ऐसा हो गया।

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि जब पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से 1947 में हुए देश विभाजन से पहले पूछा गया था तब उन्होंने कि पाकिस्तान ‘‘मूर्खों का सपना है’’ लेकिन ऐसा हुआ।

उन्होंने कहा कि (ब्रितानी शासन काल में) लॉर्ड वावेल ने भी ब्रिटेन की संसद में कहा था कि भारत को भगवान ने बनाया है और इसे कौन विभाजित कर सकता है।

भागवत ने कहा, ‘‘लेकिन आखिरकार ऐसा (बंटवारा) हुआ। जो असंभव प्रतीत होता था, वह हुआ, इसलिए इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि अभी असंभव लगने वाले अखंड भारत (साकार) होगा।’’

भागवत ने कहा कि ‘अखंड भारत’ से अलग हुए क्षेत्रों, जो अपने आप को अब भारत नहीं कहते, में नाखुशी है और उन्हें इस संकट से बाहर निकालने का इलाज भारत के साथ उनका फिर से एकीकरण है।

उन्होंने कहा, ‘‘इन देशों ने वह सब कुछ किया, जो वह कर सकते थे, लेकिन उन्हें कोई समाधान नहीं मिला। इसका एक मात्र समाधान (भारत के साथ) फिर से जुड़ना है और इससे उनकी सभी समस्याएं सुलझ जाएंगी।’’

उन्होंने कहा कि लेकिन पुन: एकीकरण मानवीय धर्म के जरिए किया जाना चाहिए जो उनके अनुसार ‘हिंदू धर्म’ कहा जा जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘गांधार अफगानिस्तान बन गया। क्या वहां तब से शांति है? पाकिस्तान का गठन हुआ। क्या वहां उस समय से अब तक शांति है?’’

भागवत ने कहा कि भारत में कई चुनौतियों से निपटने की क्षमता है और दुनिया मुश्किलों से पार पाने के लिए उसकी ओर देखती है।

उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम् के जरिए भारत दुनिया में फिर से खुशहाली और शांति ला सकता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठPanchang 16 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 16 December 2025: आज कर्क राशिवालों के सामने आएंगी आर्थिक चुनौतियां, जानें सभी राशियों का भविष्य

भारतIndo-Pak War 1971: शौर्य और पराक्रम से पाक को चटाई थी धूल

कारोबारभारतीय अर्थव्यवस्था में जान फूंकता ग्रामीण भारत, 2024-25 में 35.77 करोड़ टन अनाज पैदा करके ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया

भारतबिहार के मुजफ्फरपुर जिले में अपने पांच बच्चों के साथ फांसी के फंदे से झूल गया अमरनाथ राम, तीन की मौत, दो की बच गई जान

भारत अधिक खबरें

भारतMaharashtra Local Body Elections 2026 Dates Announced: 29 निकाय, 2,869 सीट, 3.48 करोड़ मतदाता, 15 जनवरी को मतदान और 16 जनवरी 2026 को मतगणना

भारत‘ये घटियापन माफी के लायक नहीं’: कांग्रेस ने महिला डॉक्टर का हिजाब हटाने के लिए नीतीश कुमार की आलोचना की, वीडियो जारी कर मांगा इस्तीफा, WATCH

भारतनिकाय चुनावों में भाजपा-शिवसेना का गठबंधन, सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा- अजित पवार से दोस्ताना मुकाबला

भारतभाजपा कार्यकारी अध्यक्ष बनने पर आपकी क्या प्राथमिकता होगी?, नितिन नबीन ने खास बातचीत की

भारतएनआईए ने पहलगाम आतंकी हमले के लिए टॉप LeT कमांडर साजिद जट्ट को मुख्य साज़िशकर्ता बताया