भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं, विभाग की गंदगी साफ करने के लिए भ्रष्ट पुलिस कर्मियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी जाएगी

By भाषा | Published: July 4, 2019 03:15 PM2019-07-04T15:15:59+5:302019-07-04T15:15:59+5:30

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पिछले दो साल में करीब 600 अधिकारियों पर कार्रवाई की गयी है । इनमें से 169 अधिकारी बिजली विभाग के, 25 अधिकारी पंचायती राज विभाग के, 26 अधिकारी बेसिक शिक्षा के और 18 पीडब्ल्यूडी विभाग के हैं।

Corruption will not be tolerated, to clear the dirt of the department, corrupt police personnel will be given for forced retirement | भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं, विभाग की गंदगी साफ करने के लिए भ्रष्ट पुलिस कर्मियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी जाएगी

डीजीपी ने कहा '' मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की, भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के अनुसार ऐसे अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

Highlightsपुलिस विभाग की छवि साफ सुथरी बनाने के लिये और विभाग की गंदगी साफ करने के लिये भ्रष्ट पुलिस कर्मियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी जाएगी।पुलिस महानिदेशक ने जांच प्रक्रिया पूरी होने की अवधि के बारे में पूछने पर बताया ''एक माह के अंदर।’’

उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस विभाग की छवि निखारने के लिए भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों को समय से पहले सेवानिवृत्त करने का फैसला किया है।

उप्र पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया ''पुलिस विभाग की छवि साफ सुथरी बनाने के लिये और विभाग की गंदगी साफ करने के लिये भ्रष्ट पुलिस कर्मियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी जाएगी।'' उन्होंने कहा ''आईपीएस और पीपीएस (प्रांतीय पुलिस सेवा) व अन्य भ्रष्ट पुलिस कर्मियों की जांच के लिये अलग अलग समितियां बनाई गयी हैं। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ऐसे अधिकारियों, पुलिसकर्मियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी जायेगी।’’

पुलिस महानिदेशक ने जांच प्रक्रिया पूरी होने की अवधि के बारे में पूछने पर बताया ''एक माह के अंदर।’’ उन्होंने कहा कि जो आईपीएस, पीपीएस अधिकारी और अन्य पुलिस कर्मी कम से कम 50 साल की उम्र पूरी कर चुके है या वह पुलिस विभाग में तीस साल की नौकरी पूरी कर चुके है उनकी जांच पड़ताल की जा रही है।

डीजीपी ने कहा '' मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की, भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के अनुसार ऐसे अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी जो गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों में लिप्त हैं और उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है।''

उत्तर प्रदेश के मंत्री एवं प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा ''भ्रष्ट और ढीले ढाले अफसरों के खिलाफ हमारी सरकार की नीति 'कतई बर्दाश्त नहीं’ की है । पिछले दो साल में ऐसे कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत उन्हें वीआरएस दिया गया है। कई अधिकारियों को चेतावनी दी गयी है। उनकी पदोन्नति रोक दी गयी है।''

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पिछले दो साल में करीब 600 अधिकारियों पर कार्रवाई की गयी है । इनमें से 169 अधिकारी बिजली विभाग के, 25 अधिकारी पंचायती राज विभाग के, 26 अधिकारी बेसिक शिक्षा के और 18 पीडब्ल्यूडी विभाग के हैं।

करीब 200 अधिकारियों को वीआरएस दिया गया है। सचिवालय प्रशासन विभाग के कामकाज की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सरकार में भ्रष्ट अधिकारियों और स्टाफ की कोई जगह नहीं है । ऐसे अधिकारियों को जबरन वीआरएस देना चाहिए। 

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