देश में अनाज की ज्यादा पैदावार के मद्देनजर यह तय किया गया है कि सरप्लस चावल को कोविड-19 बीमारी से निपटने के लिए अल्कोहल आधारित हैंड-सैनिटाइजर और इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल का निर्माण किया जाएगा। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्रकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्ययक्षता में सोमवार को नेशनल बायोफ्यूल कोर्डिनेशन कमेटी (एनबीसीसी) की बैठक हुई।
इसमें फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया और मंत्रालय के चुनिंदा अधिकारी मौजूद थे। जिन्होंने बैठक के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पूरा पालन करते हुए एक दूसरे से करीब डेढ मीटर की दूरी बनाकर रखी।
एनबीसीसी बैठक में चर्चा के दौरान कहा गया कि बायोफ्यूल्स-2018 की राष्ट्रीय नीति के 5.3 पैरा में कहा गया है कि कृषि मंत्रालय द्वारा प्रत्याशित खाद्यानों की आपूर्ति पर अनुमान लगाकर एनबीसीसी कृषि वर्ष के दौरान अधिशेष मात्रा में भोजन के अनाज को इथेनॉल में रूपांतरण की मंजूरी देना निर्धारित है। बैठक में तय हुआ कि भारतीय खाद्य निगम के पास उपलब्ध अधिशेष चावल को उपयोग के लिए इथेनॉल में बदला जा सकता है।
जिससे अल्कोहल-आधारित हैंड-सैनिटाइज़र और इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (ईबीपी) का निर्माण किया जाएगा। मंत्री प्रधान ने इस दौरान उन तरीकों पर भी चर्चा की जिससे जैव ईंधन उद्योग को देश में कोविड-19 की लडाई के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सके।
समिति ने अल्कोहल-आधारित हैंड-सैनिटाइज़र बनाने में उपयोग के लिए इथेनॉल में अतिरिक्त खाद्यान्न के एक छोटे से अंश के रूपांतरण की अनुमति देने और भारत में इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम को और बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।