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कोरोना वायरस की वजह से वाहन प्रदर्शनी, पर्यटन क्षेत्र और कुछ उद्योगों पर दिखा बुरा असर

By भाषा | Updated: February 5, 2020 06:31 IST

वाहन कंपनियों के संगठन सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स (सियाम) ने मंगलवार को कहा कि प्रदर्शनी में भाग ले रही सभी चीनी कंपनियों ने कहा है कि प्रदर्शनी में उनके मंडप पर भारतीय कर्मचारी ही होंगे।

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खतरनाक कोरोना वायरस का देश में हो रही वाहन प्रदर्शनी पर असर पड़ रहा है। वहीं पर्यटन और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण समेत कुछ अन्य क्षेत्र अपने कारोबार पर पड़ने वाले असर को कम करने के लिये स्थिति पर नजर रखे हुए है।

वाहन कंपनियों के संगठन सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स (सियाम) ने मंगलवार को कहा कि प्रदर्शनी में भाग ले रही सभी चीनी कंपनियों ने कहा है कि प्रदर्शनी में उनके मंडप पर भारतीय कर्मचारी ही होंगे। वाहनों के कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनियों के संगठन ऑटोमोटिव कम्पोनेन्ट मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एकमा) ने भी कहा कि चीन से करीब 30 कंपनियो ने प्रगति मैदान में उपकरण प्रदर्शनी में स्टॉल लगाने की पुष्टि की है।

उनकी अनुपस्थिति में उसका प्रबंधन भारतीय कर्मचारी करेंगे। वाहन प्रदर्शनी-2020-उपकरण प्रदर्शनी प्रगति मैदान में 6 फरवरी से 9 फरवरी के दौरान हो रही है। जबकि आटो एक्सपो का आयोजन ग्रेटर नोएडा स्थित प्रदर्शनी स्थल में किया जा रहा है। इस बीच, पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों ने कहा कि चीन और भारत के बीच यात्रा पाबंदी से बुकिंग पर असर पड़ रहा है और पर्यटन उद्योग स्थिति पर नजर रखे हुए है।

उल्लेखनीय है कि भारत ने रविवार को चीनी यात्रियों और पड़ोसी देश में रहने वाले विदेशियों के लिये ई-वीजा सुविधा पर अस्थायी रोक लगाने की घोषणा की। साथ ही यह भी कहा कि जिन लोगों ने 15 जनवरी से चीन की यात्रा की है, उन्हें पृथक वार्ड में रखा जाएगा।

मेक माई ट्रिप के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजेश मैगो ने कहा, ‘‘चीन और यहां तक कि हांगकांग यात्रा पर पाबंदी से यात्रा बुकिंग पर बुरा असर पड़ा है।’’ मोबाइल हैंडसेट बनाने वाली कंपनियां भी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। वे यह देख रहे हैं कि क्या आपूर्तिकर्ताओं के बंद कारखाने अगले सप्ताह से खुलेंगे।

मोबाइल उद्योग सालाना करीब 95,000 करोड़ रुपये मूल्य का उपकरण आयात करता है। इसमें से एक बड़ा हिस्सा चीन से आता है। इंडिया सेल्यूलर एंड इलेक्ट्रॉनिक एसोसिएशन (आईसीईए) के चेयरमैन पंकज महेन्द्रू ने कहा, ‘‘चीन के नये साल के अवसर पर वहां बाजार बंद रहता है। इसको देखते हुए कंपनियों ने कुछ अधिक उपकरण मंगाकर रखे थे।

बाजार में अभी भंडार हैं। यह 10-15 फरवरी तक रहेगा। हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। अगर समस्या 10 फरवरी के बाद भी बनी रहती है, तब समस्या होगी।’’ इस बीच, उत्तर प्रदेश के आगरा में भी चीन में फैले कोरोना वायरस का असर जूता उद्योग पर दिखाई देने लगा है।

चीन से कच्चे माल की आपूर्ति नहीं होने से उद्योग का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका बढ़ती जा रही है। जूता विनिर्माण एवं निर्यात उद्योग से जुड़े कारोबारियों ने यह आशंका व्यक्त की है। चीन के वुहान शहर से उत्पन्न खतरनाक विषाणु दूसरे देशों में भी फैल रहा है। इसके कारण अब तक चीन में 420 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ने की आशंका है।

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