कोरोना संकट: निजामुददीन में सुरक्षा बढ़ाए जाने के बाद आवश्यक वस्तुओं की बढ़ी कीमतें, जानें कितने में क्या मिल रहा
By भाषा | Published: April 3, 2020 08:30 PM2020-04-03T20:30:23+5:302020-04-03T20:30:23+5:30
इसके अलावा, चावल 850 रुपए में 25 किग्रा बिक रहा है जबकि एक सप्ताह पहले यह 770 रुपए में मिल रहा था। इसी तरह, पांच किलोग्राम आटा 350 रुपए में मिल रहा है जबकि यह पहले 270 रुपए में उपलब्ध था।
नयी दिल्ली: निजामुद्दीन और इसके आस-पास रह रहे दिहाड़ी मजदूरों एवं प्रवासी कामगारों ने इलाके में आवश्यक वस्तुओं और सब्जियों की कीमतों में वृद्धि होने की शिकायत की है। दरअसल, देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस संक्रमण फैलाने वाले केंद्र बिंदु के रूप में इस इलाके के उभरने पर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है। निजामुद्दीन (पश्चिम) के पास स्थित सराय काले खां में खुदरा बाजार में प्याज 60 रुपए प्रति किलोग्राम, टमाटर 50 रुपए प्रति किग्रा, आलू 40 रुपए प्रति किग्रा और मौसमी सब्जियां 100 से 120 रुपये प्रति किग्रा मिल रही हैं।
इसके अलावा, चावल 850 रुपए में 25 किग्रा बिक रहा है जबकि एक सप्ताह पहले यह 770 रुपए में मिल रहा था। इसी तरह, पांच किलोग्राम आटा 350 रुपए में मिल रहा है जबकि यह पहले 270 रुपए में उपलब्ध था। मसूर की दाल की कीमत 60 रुपए प्रति किग्रा से बढ़ कर 80 रुपए प्रति किग्रा हो गई है। इस इलाके में बिस्कुट के दाम में भी प्रति पैकेट एक से छह रुपए का उछाल आया है।
सराय काले खां में आश्रम, निजामुद्दीन, भोगल, जंगपुरा, लाजपत नगर और ओखला मंडी में काम करने वाले प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में रहते थे। बिहार की रहने वाली प्रवासी मजदूर सबीन ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘निजामुद्दीन घटना के बाद से सराय काले खां में सब कुछ महंगा हो गया है। पुलिस की सुरक्षा बढ़ गई हैं। रोजगार के बिना और पैसे की कमी के कारण जीवन मुश्किल हो गया हैं। इलाके में किराने की दुकानों पर आवश्यक सामान अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से भी अधिक दाम पर मिल रहे हैं।’’
उसने कहा कि लॉकडाउन के कारण छोटी किराना दुकानें पास के भोगल बाजार से सामान खरीदकर भंडारण नहीं कर पा रहीं और इसलिए सब कुछ महंगा हो गया है। जंगपुरा में कूड़ा एकत्र करने का काम करने वाले और सराय काले खां में रहने वाले सलीम ने कहा, ‘‘मेरे पास पैसे नहीं बचे हैं। मैंने कुछ दोस्तों से रुपये उधार लिये हैं लेकिन सब कुछ महंगा हो गया है।’’
इसके अलावा भोगल और लाजपत नगर में किराना दुकानों में काम करने वालों की कमी हो गई है क्योंकि पुलिस ने लोगों के सराय काले खां से निकलने पर रोक लगा दी है। भोगल बाजार में एक दुकानदार ने कहा, ‘‘हमारे यहां काम करने वाले चार लोग सराय काले खां में रहते हैं लेकिन निजामुद्दीन घटना के बाद वे काम पर नहीं आ पा रहे। उन्हें इलाके से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा।’’
कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बीच निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मुख्यालय में हुए धार्मिक कार्यक्रम के बाद इस सप्ताह करीब 2,000 लोगों को वहां से बाहर निकाला गया। इसके आस पास की दुकानों में काम करने वाले कई लोग सराय काले खां में रहते हैं। निजामुद्दीन में धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।