अक्टूबर में चरम पर होगा संक्रमण: कोविड-19 को लेकर असमंसज में केंद्र सरकार, विशेषज्ञों के भी अलग-अलग मत
By हरीश गुप्ता | Published: September 1, 2020 07:21 AM2020-09-01T07:21:56+5:302020-09-01T14:46:32+5:30
भारत में कोविड-19 के 78512 नए मामले सामने आने के बाद सोमवार को देश में संक्रमितों की संख्या 36 लाख 21 हजार 245 हो गई, जिसमें से 27 लाख 74 हजार 801 लोग ठीक हो चुके हैं।
नई दिल्ली। कोविड-19 के मामलों के हर रोज 80,000 के आंकड़े को छूने के कारण अब विशेषज्ञों में भी इस बात को लेकर मतभेद गहरा गए हैं कि आखिर भारत में कोविड-19 का कहर कब चरम (पीक) पर होगा. ताजा अनुमानों के मुताबिक भारत में कोविड-19 का कहर अक्तूबर में चरम पर पहुंचकर नवंबर से मद्धम पड़ने लगेगा. पिछले अनुमानों पर जगहंसाई के बाद प्रधानमंत्री के कोविड-19 पर टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ.वी.के.पॉल ने कोविड-19 के पीक के सवाल पर चुप्पी साध ली है. तेजी से अनलॉकिंग और त्यौहारी सीजन के सामने होने के कारण स्वास्थ्य मंत्रालय को भी आशंका है कि कोविड-19 के मामलों में तेजी से इजाफा होगा. प्रतिदिन संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख के पार जाने की तक आशंका है.
एमआईटी का कहना
अमेरिका के मेसेच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी (एमआईटी) ने जून 2020 के एक अध्ययन के आधार पर कहा था कि अगर इलाज या टीका नहीं मिला तो भारत में कोविड-19 संक्रमितों का आंकड़ा 2021 तक 2.87 लाख प्रतिदिन तक पहुंच सकता है. यह अनुमान गणितीय मॉडल के आधार पर जताया गया था. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा, ''गणितीय मॉडल्स में सरकारों द्वारा किए जा रहे भरसक प्रयासों और दखल का ख्याल नहीं रखा जाता.''
चरम में देरी
अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी में महामारी विज्ञान की प्रोफेसर डॉ. भ्रमर मुखर्जी ने सरकार को भेजी रिपोर्ट में लिखा, ''मुझे भारत में कोविड-19 के कहर का चरम नहीं दिखता. लेकिन अगले दो माह में मुझे देश में कहर के चरम की लहरें आती दिख रही हैं.'' जहां महामारी विज्ञान के अधिकांश विशेषज्ञों ने जुलाई-अगस्त में ही संक्रमण का चरम बताया तो अन्य विशेषज्ञों की राय में राष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण के कहर की सोच अस्पष्ट है.
महाराष्ट्र में पीक आना बाकी
सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 17 अगस्त के अपने अध्ययन में कहा था, ''देश के 27 में से कम से कम 22 राज्यों को अभी पीक देखना बाकी है. महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल आदि में पीक आना बाकी है.''
15 अगस्त के बाद संक्रमण में तेजी
जुलाई में भारत में प्रतिदिन संक्रमण के मामले 50,000 से कम थे, जो 15 अगस्त तक 58,000 तक पहुंच गए. इसके बाद मामलों में एकाएक तेजी देखने को मिल रही है. 2 प्रतिशत की मृत्युदर और 77 प्रतिशत की रिकवरी की दर को देखते हुए लग रहा था कि अधिकारियों के आकलन के मुताबिक कोविड-19 का चरम 15 अगस्त के बाद गुजर जाएगा.
रि-प्रॉडक्शन का खतरा
अब विशेषज्ञों का कहना है कि रि-प्रॉडक्शन (आरओ) का कारक 1.20 प्रतिशत होने और रिकवरी की दर 90 प्रतिशत से कम होने के कारण पीक अभी दूर है. आरओ के कारक के 1.20 प्रतिशत होने का मतलब है कि एक संक्रमित व्यक्ति अभी भी 1.20 लोगों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है. जब तक यह 0.80 के नीचे नहीं जाता कोविड-19 हमारी नींद उड़ाता रहेगा.
3 राज्यों में सामने आए हैं 43 प्रतिशत मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भारत में कोविड-19 के कुल मामलों में से लगभग 43 प्रतिशत मामले महज तीन राज्यों महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक से हैं. मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटे में सामने आए नए मामलों में से 70 प्रतिशत मामले 7 राज्यों से हैं. इनमें महाराष्ट्र में सर्वाधिक लगभग 21 प्रतिशत मामले सामने आए हैं. इसके बाद आंध्र प्रदेश में 13.5 प्रतिशत, कर्नाटक में 11.27 प्रतिशत और तमिलनाडु में 8.27 प्रतिशत मामले सामने आए हैं. पिछले 24 घंटे में वायरस से हुई मौतों में से लगभग 50 प्रतिशत मौत इन्हों तीन राज्यों में हुई हैं. इनमें महाराष्ट्र में सर्वाधिक 30.48 प्रतिशत मौत हुई है.