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मुंबई के अस्पताल में शवों के बगल में चल रहा कोरोना मरीजों का इलाज, वीडियो देखकर खड़े हो जाएंगे आपके रोंगटे

By धीरज पाल | Updated: May 7, 2020 15:00 IST

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने भी इस मामले को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि सायन अस्पताल की घटना बेहद गंभीर है।यह बहुत गंभीर मामला है कि मरीजों का इलाज लाश की तरफ से किया जाना है

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ठळक मुद्देअस्पताल डीन ने सफाई दिया कि रिश्तेदार शवों को ले जाने के लिए नहीं आ रहे हैं इसलिए हमने उन्हें वहां रखा था। राज्य में अब तक 42 अधिकारियों समेत 456 पुलिसकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।

मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 10,000 के आंकड़े को पार कर लिया है। वहीं, 25 और संक्रमित मरीजों की मौत के साथ देश की आर्थिक राजधानी में कोविड-19 से मरने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़ कर 412 पहुंच गई। इस बीच, मुंबई के अस्पताल से एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है। अस्पताल के जिस वार्ड में मरीजों का इलाज चल रहा है, वहीं कोरोना मृतकों का शव रखा हुआ है।   

यह वीडियो शहर के नगर निगम द्वारा संचालित सयान अस्पताल का है, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह से मरीजों के बगल वाले बेड पर शवों को रखा गया है।  महाराष्ट्र बीजेपी के विधायक नितेश राणे ने इस वीडियो को अपने ट्विटर हैंडिल शेयर किया है। उन्होंने लिखा कि "सायन अस्पताल में, मरीज शवों के बगल में सो रहे हैं!!! ... यह बहुत ही शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि यह किस तरह का प्रशासन है!!"

इसके बाद अस्पातल के डीन ने सफाई देते हुए कहा कि यह वीडियो उन्हीं के अस्पताल का है। उन्होंने कहा कि रिश्तेदार शवों को ले जाने के लिए नहीं आ रहे हैं इसलिए हमने उन्हें वहां रखा था।

वहीं नीतीश राणे ने ट्वीट करके डीन के जवाब पर कहा कि इस जवाब के बाद मुंबईवासी बीएमसी से क्या उम्मीद कर सकते हैं? निजी अस्पताल मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं और सरकारी अस्पतालों में हालात ऐसे हैं। क्या यह मेडिकल इमरजेंसी है!'

पूर्व सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने ट्वीट कर कही ये बात

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने ट्वीट करते हुए लिखा कि सायन अस्पताल की घटना बेहद गंभीर है।यह बहुत गंभीर मामला है कि मरीजों का इलाज लाश की तरफ से किया जाना है। उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि क्या मुंबईकरों का कोई अभिभावक नहीं है। सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटना दोबारा न हो।

टॅग्स :कोरोना वायरसमहाराष्ट्र में कोरोना
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