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Coronavirus: मुनाफाखोरी को देखते हुए मास्क के दाम तय करेगी सरकार, अधिक वसूली करने वाला 5 साल तक रहेगा सलाखों के पीछे

By संतोष ठाकुर | Updated: March 18, 2020 09:13 IST

Coronavirus: सेनेटाइजर की कमी भी सामने आ रही है. जिसे देखते हुए सप्लाई चेन की निगरानी की जा रही है. लेकिन अगर सेनेटाइजर नहीं मिलता है तो लोग साबुन से भी हाथ धोते रहें.

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ठळक मुद्देकोरोना वायरस के भय के बीच मुनाफाखोरी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सरकार ने अगले दो से तीन दिन में मास्क के दाम तय करने का निश्चय किया है.अगर कोई मास्क की कालाबाजारी करते हुए पकड़ा गया तो उसे एक से 5 साल तक की जेल भेजने के नियम पर भी मंथन किया जा रहा है.

कोरोना वायरस के भय के बीच मुनाफाखोरी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सरकार ने अगले दो से तीन दिन में मास्क के दाम तय करने का निश्चय किया है. यही नहीं, अगर कोई मास्क की कालाबाजारी करते हुए पकड़ा गया तो उसे एक से 5 साल तक की जेल भेजने के नियम पर भी मंथन किया जा रहा है. इस समय देश में प्रतिवर्ष 10 लाख मास्क की खपत होती है. इसमें से अधिकतर अस्पताल या फिर चिकित्सीय सेवाओं से जुड़े क्षेत्रों में जाते हैं.

एक अधिकारी ने कहा कि सेनेटाइजर की कमी भी सामने आ रही है. जिसे देखते हुए सप्लाई चेन की निगरानी की जा रही है. लेकिन अगर सेनेटाइजर नहीं मिलता है तो लोग साबुन से भी हाथ धोते रहें. कई मामलों में सेनेटाइजर से बेहतर साबुन है. साबुन सेनेटाइजर से अधिक देर तक प्रभावी रहता है. हालांकि कार्यालयों में साबुन के उपयोग में यह समस्या हो सकती है कि इसके लिए लगातार हाथ धोते रहने की जरूरत होगी.

एक अधिकारी ने कहा कि हाल ही में एक अंतर-मंत्रालयी बैठक में इसको लेकर मंथन किया गया है. बैठक में यह तथ्य सामने आया कि कई इलाकों में 30 रुपए वाले साधारण मास्क के लिए 250 रुपए तक वसूले जा रहे हैं. यही नहीं, एन-95 मास्क के लिए 470 रुपए से लेकर 500 रुपए तक वसूले जा रहे हैं. इसे देखते हुए मास्क को सहायक दवा श्रेणी में लाने का निर्णय किया गया है. इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं, एचएलएल कंपनी, सरकारी उपक्र म, को कहा जा रहा है कि वह मास्क के दाम तय करने में मदद करे.

एक अन्य अधिकरी ने कहा कि सरकार हालांकि मास्क के दाम तय कर रही है और इसकी कालाबाजारी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की भी तैयारी की जा रही है लेकिन मास्क को लेकर कई भ्रम भी है. इसी वजह से इसकी कालाबाजारी बढ़ रही है. यह समझने की जरूरत है कि सभी के लिए मास्क जरूरी नहीं है. केवल चिकित्सीय सेवा से जुड़े लोग, बीमार व्यक्तियों को ही इसकी जरूरत है. यही नहीं, एक साधारण मास्क 6 घंटे से अधिक प्रभावी नहीं रहता है. ऐसे में अगर कोई साधारण मास्क बार-बार नहीं खरीद सकता है तो उसे कम से कम 6 घंटे बाद उसे गर्म पानी से धोना चाहिए. मास्क केवल उन लोगों को ही जरूरी है जो बीमार हैं या फिर अस्पताल या अन्य चिकित्सा केंद्र में काम करते हैं.

सरकारी कार्यालयों के लिए यह निर्देश हुआ जारी

1- सभी सरकारी कार्यालय में थर्मल स्कैनिंग मशीन से होगी शरीर के तापमान की जांच.

2- सभी अधिकारियों को फील्ड विजिट या दौरों की मनाही, वीडियो कांफ्रेंसिंग से बैठक करने का निर्देश.

3- सरकारी कार्यालयों में संयुक्त सचिव या उससे ऊपर के अधिकारी ही बाहरी लोगों के प्रवेश के लिए पास बनाने का आदेश दे पाएंगे.

4- अधिकारियों को बाहरी लोगों से 15 दिनों तक मिलने से परहेज करने की सलाह.

5- सरकारी कर्मचारियों को मेट्रो-बस की भीड़ से बचने के लिए सुबह देर से आने की इजाजत.

6- चार दिन तक की छुटटी भी समायोजित की जा सकती है अगर कर्मचारी बुखार, खांसी या अन्य तरह के लक्षण की सूचना देता है.

7- सरकारी कर्मचारियों को हाथ मिलाने से परहेज करने की सलाह.

8- यह सलाह भी दी गई है कि कर्मचारी लगातार हाथ धोते रहें. 

टॅग्स :कोरोना वायरसनरेंद्र मोदीलोकमत समाचार
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