Bihar ki khabar: क्वारंटाइन सेंटर में युवक ने की आत्महत्या, जांच के बाद मिला संक्रमित, बिहार में मरने वाले की संख्या 11, कुल केस 1782
By एस पी सिन्हा | Published: May 21, 2020 03:00 PM2020-05-21T15:00:41+5:302020-05-21T15:00:41+5:30
युवक वैशाली के पटेढ़ी बेलसर के जारंग रामपुर गांव का रहनेवाला था. उसने हाजीपुर के राजकीय अंबेडकर आवासीय बालिका विद्यालय के क्वारेंटाइन सेंटर में बुधवार को खुदखुशी कर ली थी. जिसके बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है. घटना बुधवार की देर शाम की है.
पटनाः बिहार में कोरोना के 11 वें मरीज की आज मौत हो गई. वैशाली जिले के क्वारंटाइन सेंटर में एक युवक ने कल ही आत्महत्या कर ली थी और आज उसकी कोविड की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है.
वह युवक वैशाली के पटेढ़ी बेलसर के जारंग रामपुर गांव का रहनेवाला था. उसने हाजीपुर के राजकीय अंबेडकर आवासीय बालिका विद्यालय के क्वारेंटाइन सेंटर में बुधवार को खुदखुशी कर ली थी. जिसके बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है. घटना बुधवार की देर शाम की है.
वहीं, सूबे में अबतक कोरोना संक्रमण के 108 मामले सामने आए हैं. इसके बाद राज्य में संक्रमण का आंकड़ा बढ़कर 1782 हो गया है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से यह जानकारी नहीं दी गई है कि यह 108 मामले किन जिलों से सामने आए हैं. लेकिन बताया जा रहा है कि उत्तर बिहार के इलाके और रोहतास जिले में ज्यादातर कोरोना के नए मरीज पाए गए हैं. प्रवासियों के लौटने के बाद उत्तर बिहार के जिलों में कोरोना संक्रमण के नए मामलों की बाढ़ आ गई है.
उधर, हाजीपुर के क्वारंटाइन सेंटर में आत्महत्या किये कोरोना संक्रमित मृतक 35 वर्षीय राजेश महतो बेलसर ओपी क्षेत्र के जारंग गांव निवासी जोगी महतो का पुत्र था और पुणे में बिजली मिस्त्री का काम करता था. इस घटना के बाद क्वारंटाईन सेंटर में अफरा-तफरी मच गई और घटना की सूचना प्रशासन को दी गई. वह 2 दिन पहले ही बिहार लौटा था. जिसक बाद उसे हाजीपुर के क्वारंटाईन सेंटर लाया गया था. जहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा उसका बुधवार को ही उसका सैंपल लेकर कोरोना जांच के लिए भेजा गया था. लेकिन इसी बीच उसने खुदकुशी कर ली.
क्वारंटाइन सेंटर की सुरक्षा और व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया
क्वारंटाइन सेंटर मे खुदकुशी की खबर ने क्वारंटाइन सेंटर की सुरक्षा और व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया था. सुरक्षा के बाद भी वहां शख्स ने खुदकुशी कैसे कर ली? वहीं मृतक के भाई ने बताया कि वह कोरोना को लेकर काफी डरा हुआ था. हो सकता है इस वजह से ही उसने खुदकुशी कर ली.
सूचना मिलते ही प्रशासन में भी हड़कंप मच गया और सदर एसडीएम संदीप शेखर प्रियदर्शी, एसडीपीओ राघव दयाल सहित कई पदाधिकारी मौके पर पहुंच गए. आप्रवासी युवक अपने गमछे से फंदा लगाकर झूल गया और उसकी मौत हो गई. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस क्वारंटाईन सेंटर में 24 प्रवासी कामगार रखे गए हैं.
सभी सरकारी स्तर पर दूसरे राज्यों से लाए गए हैं. राजेश महतो भी वहीं था. बताया जा रहा है कि पुणे से आया था. हालांकि एक चर्चा यह भी है कि वह दिल्ली से आया था. अफरा-तफरी के बीच सदर सीओ केके सिंह भी यह स्पष्ट नहीं कर पा रहे थे कि राजेश महतो कहां से आया था? घटना की सूचना मृतक के परिजनों को दी गई. पुलिस शव को जब्त कर सदर अस्पताल ले आई. प्रशासन की ओर से यह जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई कि क्या राजेश मानसिक रूप से तनाव में था?
वह तीन दिन पहले ही आया था और उसे घर वालों ने क्वारंटाईन में जाने के लिए कहा था. उसे बेलसर में क्वारंटाइन किया गया. उसकी तबीयत खराब होने पर मेडिकल टीम हाजीपुर सदर अस्पताल लाई और सैम्पल लेकर आंबेडकर आवासीय बालिका विद्यालय में क्वारंटाइन कर दिया. बताया जा रहा है कि बुधवार को भी उसने मोबाइल से अपने स्वजनों से बात की थी. उधर, बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले अब काफी तेजी से आगे बढ़ने लगे हैं.
प्रधान सचिव का तबादला किए जाने के बाद कोरोना अपडेट से जुडे़ आंकडे़ सही तरीके से सामने नहीं आ पा रहे हैं
हालांकि सरकार की तरफ से कल स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव का तबादला किए जाने के बाद कोरोना अपडेट से जुडे़ आंकडे़ सही तरीके से सामने नहीं आ पा रहे हैं. पूर्व प्रधान सचिव संजय कुमार लगातार कोरोना अपडेट से जुडी जानकारी साझा करते थे और उनका स्थानांतरण किये जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग अब तक कोई ऐसा सिस्टम विकसित नहीं कर पाया है, जिसके जरिए लोगों तक कोरोना का ताजा अपडेट पहुंचाया जा सके. इस पर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
आईएएस संजय कुमार के जाने के बाद करीब 20 घंटों से कोरोना का अपडेट नहीं मिल रहा. बुधवार को जब सरकार ने संजय को स्वास्थ्य प्रधान सचिव के पद से स्थानांतरित किया है उसके बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई अपडेट जारी नहीं किया गया. बुधवार शाम को राज्य स्वास्थ्य समिति की तरफ से हर दिन शाम में जारी किया जाने वाला अपडेट हीं सिर्फ जारी की गई है. जबकि बुधवार को संजय कुमार के स्थानांतरण के बाद भी बिहार में कई कोरोना के मरीज मिले हैं. लेकिन विभाग की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई.
बुधवार को कोरोना से एक मरीज की मौत भी हुई, उसकी जानकारी भी शेयर नहीं किया गया. हर दिन सुबह 10 बजे का अपडेट जो 11 बजे स्वास्थ्य प्रधान सचिव जारी करते थे. वह भी जारी नहीं की गई है. ऐसे में लोग सोशल मीडिया पर सवाल पूछ रहे हैं कि क्या कोरोना अपडेट को लगातार पब्लिक डोमेन में लाकर संजय कुमार ने गलती कर दी? अब उके जाने के बाद भी स्वास्थ्य महकमे को तो जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए थी. लेकिन ऐसा हो क्यों नहीं रहा?
इसबीच बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने ट्विट कर बिना नाम लिए हीं सरकार पर हमला किया है. तेज प्रताप यादव का सीधा इशारा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे की तरफ था. उन्हें अपने ट्वीट में लिखा है कि सच्चे और झूठे का स्कोर मैच नहीं कर रहा था, इसलिए तो साहब ने बीच मैच में ही कैप्टन चेंज कर दिया. इसके बाद तेज प्रताप ने आगे लिखा है कि अमंगल तो थे ही बेईमान भी निकले.