नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी दुनियाभर में लगातार तेजी से फैलती जा रही है। देश में भी कोरोना संक्रमण के फैलने की रफ्तार तेज हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक नए मामलों केक साथ देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 90927 तक पहुंच गई है। वहीं इस घातक वायरस की चपेट में आकर 2872 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। देश में अब तक 34109 रोगी कोरोनो को मात देकर स्वस्थ हुए हैं। इस समय 53,035 रोगियों का देश के अस्पतालों में इलाज चल रहा है। वहीं, महाराष्ट्र में अब तक कोरोनो से मरने वालों की संख्या सर्वाधिक 1068 रिकॉर्ड की गई है। इनमें से 49 मौतें बीते चौबीस घंटों के दौरान हुई हैं। राज्य में संक्रमण के 438 नए मामले मिले। राहत की बात यह रही कि राजधानी में शनिवार को 408 लोग ठीक हुए हैं।
गांवों में भी पहुंच रहा कोरोना
उत्तर में जम्मू-कश्मीर से लेकर दक्षिण में केरल और ओडिशा,बिहार सहित तमाम राज्यों में कोविड-19 के नए मामले आने के साथ ही देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 90,000 के पार पहुंच गई। आंकड़ों का विश्लेषण करें तो नये मामलों में ज्यादातर उन लोगों से जुड़े हैं जो विदेश से लौट रहे हैं या देश के बड़े शहरों से अपने-अपने घर पहुंच रहे हैं और इस घातक कोरोना वायरस संक्रमण को अपने साथ गांवों तक लेकर जा रहे हैं।
देश के बड़े शहरों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब
देश के बड़े शहरों की स्थिति अभी भी सबसे खराब है। देश में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों में से 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग महज पांच शहरों मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, चेन्नई और पुणे मे रहते हैं। इन पांचों शहरों में करीब 46,000 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। देश में अभी तक करीब 2,800 लोगों की मौत कोरोना वायरस संक्रमण से हुई है जिनमें से करीब आधे इन पांच शहरों से हैं ।
शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत बनाना होगा : स्वास्थ्य मंत्रालय
शहरी क्षेत्रों में कोरोना वायरस संक्रमण प्रबंधन के संबंध में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 निगरानी तंत्र को मजबूत बनाना होगा और निषिद्ध क्षेत्रों में धारा 144 लागू करते हुए वहां सख्ती बरतनी पड़ेगी, ताकि लोग अपने-अपने घरों के अंदर ही रहे। शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 की तैयारियों और प्रतिक्रिया से जुड़े स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देश में कहा गया है कि ज्यादातर शहरों और कस्बों में रोग निगरानी तंत्र उतना संगठित नहीं है, जितना कि ग्रामीण क्षेत्रों में है। उसमें कहा गया है कि इसलिए यह समस्या शहरी क्षेत्रों में ज्यादा है। दिशा-निर्देश में कहा गया है, ‘‘इसलिए, निगरानी तंत्र को निगरानी और कोविड-19 मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिहाज से मजबूत करना होगा। इसमें स्वास्थ्य केन्द्रों, दवाखानों में स्वास्थ्यकर्मियों, एएनएम (मिडवाइफ), आशा कार्यकर्ताओं, आगंनवाड़ी कार्यकर्ताओं, निगमों के स्वास्थ्यकर्मी, सफाई कर्मचारी, सामुदायिक स्वास्थ्य स्वयंसेवक और अन्य स्वयंसेवकों आदि की पहचान करना शामिल है।’’