कोरोना का कहर, वायरस ने तोड़े रिश्ते-नाते! बिहार से आई दिल तोड़ने वाली ये तीन खबरें

By एस पी सिन्हा | Published: April 30, 2021 04:15 PM2021-04-30T16:15:36+5:302021-04-30T16:27:14+5:30

पूरे देश की तरह बिहार में भी कोरोना का कहर जारी है। कई ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं जहां अपने परिजन ही पीड़ित लोगों से किनारा कर ले रहे हैं।

Coronavirus in Bihar covid 19 where people of same family not receiving dead bodies | कोरोना का कहर, वायरस ने तोड़े रिश्ते-नाते! बिहार से आई दिल तोड़ने वाली ये तीन खबरें

बिहार में कोरोना कहर (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsबिहार में पिछले कुछ दिनों से रोज आ रहे हैं 10 हजार से अधिक मामलेराज्य में अब तक 2480 लोगों की जान कोरोना से जा चुकी हैइस बीच राज्य में कई ऐसे मामले भी आ रहे हैं जहां परिजन ही पीड़ितों से दूरी बना रहे हैं

पटना: बिहार में कोरोना की रफ्तार बेकाबू होती जा रही है. कोरोना के कहर से हालात भी भयावह होते जा रहे हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को सारण जिले के पानापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र(पीएचसी) प्रभारी डॉ. जगदीश आचार्य गोस्वामी की कोरोना से मौत हो गई. कुछ ही दिन पहले उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. 

कोरोना ने रिश्ते-नाते में भी डाल दी दरार 

कोरोना के खौफ में परायों की बात छोड दें, तो कई मामलों में अपनों ने भी साथ छोड़ दिया है. ऐसे कई ह्रदय विदारक घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसमें मां ने बेटे का भाई ने भाई का तो बेटे ने पिता का शव लेने से इनकार कर दिया है. 

यही नहीं, पत्नी ने भी पति का साथ छोड दिया. कोरोना से पीड़ित सुधीर ने तड़प- तड़प कर अपने ही घर मे दम तोड दिया. 12 घंटे तक उसका बेजान हो चुका शरीर घर के कोने में पडा रहा, लेकिन कोरोना के खौफ की वजह से पत्नी तक लाश के पास नहीं गई. 

जबकि उस घर में पत्नी के साथ माता-पिता, भाई-बहन सारे लोग मौजूद थे. किसी ने भी लेकिन अंतिम संस्कार तक की पहल नहीं की. करीब 12 घंटे तक सुधीर की लाश ऐसे ही घर मे पड़े होने की सूचना जब स्थानीय विधायक को मिली तो उन्होंने अंतिम संस्कार की पहल की. घटना पटना जिले के फुलवारी शरीफ प्रखंड के गांव नगवा डेरा का है.  

पटना के कंकरबाग में कर्नल दंपति का शव दो दिन पड़ा रहा

पटना के कंकडबाग निवासी अवकाश प्राप्त कर्नल दंपती का शव दो दिनों से अंतिम संस्कार के लिए इंतजार में पड़ा रहा. उनका इकलौता पुत्र भी दानापुर मिलिट्री अस्पताल में ऑक्सीजन पर भर्ती है. सेना के सामने भी पूर्व सैन्य अधिकारी और उनकी पत्नी का शव लेने कोई नहीं आया. 

बताया जाता है कि कंकडबाग पीपुल्स को-ऑपरेटिव कॉलोनी बी/139 निवासी अवकाश प्राप्त कर्नल एके चौधरी और उनकी पत्नी आशा चौधरी, पुत्र के साथ ही कोरोना संक्रमित हो गए थे. तीनों का इलाज दानापुर मिलिट्री अस्पताल में चल रहा था. 

आशा चौधरी की मौत मंगलवार को हो गई. गुरुवार को कर्नल चौधरी भी चल बसे. पुत्र की हालत अब तक गंभीर बनी हुई है. सूत्रों के अनुसार, कर्नल चौधरी और उनकी पत्नी आशा का शव मिलिट्री अस्पताल के शीतगृह में रखा गया है. आज तक कोई परिजन नहीं आया है. 

जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सूचना मिलने के बाद मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने पूर्व सैन्य अधिकारी दंपती के शव का अंतिम संस्कार और बीमार पुत्र के इलाज के लिए आवश्यक निर्देश दिया है. 

पटना के बाढ़ से भी दिल तोड़ने वाली खबर

पटना जिले के बाढ अनुमंडल अंतर्गत बेलछी प्रखंड के भीखोचक गांव की निवासी 50 वर्षीया सुशीला देवी की इलाज के दौरान अनुमंडल अस्पताल में मौत हो गई. वह कोरोना से संक्रमित थीं. बुधवार की रात करीब 11 बजे उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 

मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने महिला के शव को रात में ही खुले में फेंक दिया. महिला का शव शुक्रवार सुबह तक खुले में ही पड़ा रहा. इस बीच परिवार के कुछ लोग आए, लेकिन किसी ने शव के पास जाने की हिम्मत नहीं जुटाई. 

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने न तो एंबुलेंस मुहैया कराई, न ही उसके दाह संस्कार का इंतजाम किया. यहां बता दें कि राज्य में कारोना संक्रमण के करीब 13 हजार मामले हर रोज सामने आ रहे हैं. 

इसकी वजह से सरकार की चिंता बढ गई है. फिलहाल सरकार के मुताबिक राज्‍य में कोरोना के एक लाख से अधिक मरीज हो चुके हैं. मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे तीन लाख मरीज आने की संभावना जानकर तैयारी करें, ताकि किसी भी हालत में लोगों को असुविधा कम से कम हो.

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