Coronavirus: प्रवासी मजदूरों पर लॉकडाउन के असर को कम करने के लिए कदम उठाए सरकार : ICJ
By भाषा | Published: April 17, 2020 05:49 AM2020-04-17T05:49:24+5:302020-04-17T05:49:24+5:30
आईसीजे एशिया-प्रशांत के निदेशक फ्रेडरिक रॉस्की ने कहा, ‘‘भारत में आंतरिक प्रवासी मजदूरों की हालत पूरी तरह अस्वीकार्य है। अगर उनकी तत्काल जरूरतों पर उनके मानवाधिकारों के सम्मान के साथ ध्यान नहीं दिया गया तो इससे मौजूदा स्थिति और जटिल ही होगी।’’
इंटरनेशनल कमीशन ऑफ ज्यूरिस्ट्स (आईसीजे) ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार से प्रवासी मजदूरों पर लॉकडाउन (बंद) का असर कम करने के लिए प्रभावी उपाय अपनाने तथा जीवन यापन के न्यूनतम मानकों के अधिकार सुनिश्चित करने को कहा।
आईसीजे इंडिया की अंतरराष्ट्रीय विधि सलाहकार मैत्रेयी गुप्ता ने कहा, ‘‘सरकार द्वारा अब तक उठाये गये कदम महत्वपूर्ण हैं, लेकिन वे अपर्याप्त साबित हुए हैं। सरकार के प्रयास देश में प्रवासी मजदूरों को लेकर होने चाहिए तथा उनके साथ अनेक स्तर पर होने वाले भेदभाव और जोखिम पर कार्रवाई की जानी चाहिए।’’
आईसीजे ने कहा कि लॉकडाउन के दूसरे चरण की घोषणा के बाद मुंबई तथा सूरत में हजारों प्रवासी मजदूरों ने इस फैसले पर विरोध जताया तथा अपने घर लौटने देने की मांग की।
आयोग ने कहा कि इससे पहले 24 मार्च को पहले चरण के लॉकडाउन की घोषणा के बाद पांच लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों और उनके परिवारों ने सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर अपने घर पहुंचने का प्रयास किया।
आयोग ने दावा किया कि व्यापक तौर पर आंतरिक विस्थापन की वजह से 22 प्रवासी मजदूरों और उनके परिवार के सदस्यों की मौत हो गयी जिनमें सात बच्चे शामिल हैं।
आईसीजे एशिया-प्रशांत के निदेशक फ्रेडरिक रॉस्की ने कहा, ‘‘भारत में आंतरिक प्रवासी मजदूरों की हालत पूरी तरह अस्वीकार्य है। अगर उनकी तत्काल जरूरतों पर उनके मानवाधिकारों के सम्मान के साथ ध्यान नहीं दिया गया तो इससे मौजूदा स्थिति और जटिल ही होगी।’’