मध्य प्रदेश में कोरोना फैलने का खतरा सर्वाधिक, 12वें स्थान पर राजस्थान, ‘द लांसेट‘ के अध्ययन में खुलासा, जानिए और राज्य का हाल
By धीरेंद्र जैन | Published: July 18, 2020 07:57 PM2020-07-18T19:57:42+5:302020-07-18T19:57:42+5:30
लांसेट ने यह अध्ययन गरीबी और पिछड़ेपन को आधार बनाकर सामाजिक एवं आर्थिक हालात, आबादी का प्रकार, आवास-स्वच्छता, स्वास्थ्य सुविधाएं और महामारी के कारक आदि पांच पैमानों को ध्यान में रखते हुए किया है।
जयपुरः विश्व की सबसे पुरानी और चर्चित मेडिकल मैग्जीन ‘द लांसेट‘ द्वारा किये गये एक अध्ययन के अनुसार भारत के मध्य प्रदेश में संक्रमण फैलने का खतरा सर्वाधिक है।
अध्ययन में राजस्थान को संक्रमण का खतरा फैलने वाले राज्यों की सूची में 12वें स्थान पर रखा है। लांसेट ने यह अध्ययन गरीबी और पिछड़ेपन को आधार बनाकर सामाजिक एवं आर्थिक हालात, आबादी का प्रकार, आवास-स्वच्छता, स्वास्थ्य सुविधाएं और महामारी के कारक आदि पांच पैमानों को ध्यान में रखते हुए किया है।
राजस्थान में संक्रमण को सर्वाधिक प्रभावित करने वाला पैमाना सामाजिक-आर्थिक आधारों का है जबकि सबसे कम योगदान कोरोना महामारी के स्वाभाविक खतरों का है। जबकि तीसरी बड़ी वजह स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता है। मैग्जीन ‘द लांसेट‘ के अध्ययन के अनुसार मध्य प्रदेश, बिहार, तेलंगाना में कोरोना का सर्वाधिक खतरा बताया गया है।
सिरोही में जीप-ऑटो की भिड़ंत में 5 महिलाओं सहित 6 की मौत
राजस्थान के सिरोही जिले के गोयली गांव के समीप जीप-ऑटो के बीच हुए एक सड़क हादसे में पांच महिलाओं सहित 6 लोगों की मौत हो गई। दोनों वाहनों के चालक बच गये और दुर्घटना के बाद से फरार हैं। पुलिस दोनो को तलाश कर रही है।
पुलिस ने बताया कि दोपहर में एक जीप बरलूट से सिरोही की ओर जा रही थी और सामने से आ रहे ऑटो से भिड़ंत हो गई। हादसे में जमना देवी मेघवाल, अलका मेघवाल, जमनादेवी, मंजूदेवी मेघवाल और उसकी पुत्री मनीषा मेघवाल के साथ ऑटो में सवार शंकरलाल मेघवाल आदि 6 लोगों की मौत हो गई।
सम्पूर्ण घटनाक्रम दुर्भाग्यपूर्ण, लेकिन भाजपा ऐसे लोगों की सहायता नहीं करेगी - कैलाश मेघवाल
राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने कहा कि जिस प्रकार का वातावरण गत दो माह से प्रदेश में सरकार गिराने को लेकर बना है, हाॅर्स टेªडिंग के आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं, यह सभी घटनाक्रम दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन भाजपा ऐसे लोगों की मदद नहीं करेगी।
राजस्थान की राजनीति में आजादी के बाद अनेक बार सरकारें बदली हैं और विधानसभा में पक्ष-विपक्ष में गरमा-गरम बहस भी हुई है। आरोप-प्रत्यारोप भी लगे है। चाहे स्व. मोहनलाल सुखाड़िया हों या स्व. भैरोंसिंह शेखावत, उनसे लेकर वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत के समय अनेकों बार बहस हुई है। लेकिन सत्ताधारी पार्टी द्वारा विपक्ष को साथ लेकर सरकार गिराने के आरोप जो आज लग रहे हैं, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा पहले भैंरोसिंह जी की सरकार में मंत्री थे और उनकी सरकार को गिराने के लिए शर्मा ने जरूर पार्टी के भीतर और बाहर रहकर खरीद-फरोख्त करने की अनेकों बार कोशिश की थी, जो सर्वविदित है। तब भंवरलाल शर्मा द्वारा धनराशि भी बांटी गई थी, लेकिन विधायकों ने वह धनराशि भैंरोसिंह जी को जाकर दे दी, तब इस मामले का खुलासा हुआ था।