लाइव न्यूज़ :

Coronavirus Treatment: कोविड-19 संक्रमण के इलाज में प्लाज्मा तकनीक से जगी उम्मीद की नई किरण, जानें इसके बारे में सबकुछ

By गुणातीत ओझा | Updated: April 17, 2020 15:33 IST

देश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण रोकने के लिए कोई निश्चित दवा अभी तक नहीं बन सकी है। पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस महामारी को जड़ से मिटाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। लेकिन इस संक्रमण की सटीक दवा अभी तक नहीं बन सकी है।

Open in App
ठळक मुद्देडॉक्टरों का कहना है कि जब तक कोरोना वायरस से फैली महामारी की वैक्सीन नहीं बन जाती तब तक इससे नियंत्रण में रखने का सबसे असरदार तरीका प्लाज्मा थेरैपी ही है।भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के इलाज के ट्रायल की मंजूरी दे दी है।

देश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण रोकने के लिए कोई निश्चित दवा अभी तक नहीं बन सकी है। पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस महामारी को जड़ से मिटाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। लेकिन इस संक्रमण की सटीक दवा अभी तक नहीं बन सकी है। तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इसकी वैक्सीन बनने में एक से डेढ़ साल तक लग सकते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इसका कोई इलाज नहीं है? इस सवाल के जवाब में डॉक्टरों ने प्लाज्मा थेरैपी के बारे में सुझाया है। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक कोरोना वायरस से फैली महामारी की वैक्सीन नहीं बन जाती तब तक इसे नियंत्रण में रखने का सबसे असरदार तरीका प्लाज्मा थेरैपी ही है।

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मैक्स हेल्थकेयर के डॉक्टर संदीप बुधिराजा ने बताया कि प्लाज्मा थेरैपी इलाज का कोई नया तरीका नहीं है। इससे पहले भी कई महामारियों में इसका इस्तेमाल होता रहा है। 2003 में SARS और 1980 में बुरी तरफ फैले स्पैनिश फ्लू के दौरान यह थेरैपी कारगर साबित हुई थी। प्लाज्मा थेरैपी उस वक्त बड़ी भूमिका निभाती है जब महामारी के लिए कोई निश्चित इलाज न हो।

प्लाज्मा थेरैपी के बारे में बताते हुए डॉ. संदीप ने कहा कि इस थेरैपी के लिए हमें कोरोना वायरस के संक्रमण को हराने वाले मरीज की बॉडी से प्लाज्मा लेना होगा और इस प्लाज्मा को गंभीर रूप से बीमार कोरोना वायरस के मरीज में इंजेक्ट करना होगा। इससे मरीज के शरीर में एंटी-बॉडीज़ पहुंच जाएगी जो कोरोना वायरस को कमजोर कर देगी।

कोरोना वायरस से जंग में प्लाज्मा थेरैपी से जगी उम्मीद की किरण

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के इलाज के ट्रायल की मंजूरी दे दी है। आईसीएमआर ने इस क्लिनिकल ट्रायल में शामिल होने के लिए विभिन्न संस्थाओं को न्योता भी दिया है। इस अध्ययन का मकसद यह पता करना होगा कि  प्लाज्मा थैरेपी (Convalescent Plasma Therapy) इस रोग के इलाज में कितनी असरदार है? यह भी बात गौर करने वाली है कि महामारी के केंद्र चीन में इस विधि से इलाज में सकात्मक नतीजे आए हैं। समझा जा रहा है कि प्लाज्मा तकनीक कोविड-19 संक्रमण के इलाज में उम्मीद की एक किरण हो सकती है। 

टॅग्स :कोरोना वायरससीओवीआईडी-19 इंडिया
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

भारत'बादल बम' के बाद अब 'वाटर बम': लेह में बादल फटने से लेकर कोविड वायरस तक चीन पर शंका, अब ब्रह्मपुत्र पर बांध क्या नया हथियार?

स्वास्थ्यसीएम सिद्धरमैया बोले-हृदयाघात से मौतें कोविड टीकाकरण, कर्नाटक विशेषज्ञ पैनल ने कहा-कोई संबंध नहीं, बकवास बात

स्वास्थ्यमहाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 12 मामले, 24 घंटों में वायरस से संक्रमित 1 व्यक्ति की मौत

स्वास्थ्यअफवाह मत फैलाओ, हार्ट अटैक और कोविड टीके में कोई संबंध नहीं?, एम्स-दिल्ली अध्ययन में दावा, जानें डॉक्टरों की राय

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत