Coronavirus: कोविड-19 से निपटने के लिये रणनीति के तहत काम कर रही भारत सरकार
By भाषा | Published: April 17, 2020 05:50 AM2020-04-17T05:50:07+5:302020-04-17T05:50:07+5:30
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 की रोकथाम के लिये अपनाई गई रणनीति मोटे तौर पर संक्रमितों की अधिक संख्या वाले क्षेत्रों की पहचान करके रोकथाम के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने के इर्द-गिर्द घूमती है।
केन्द्र सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिये विशेष रणनीति तैयार की है, जिसके तहत जिलों और राज्यों के अधिकारियों को विशिष्ट निर्देश दिये गए हैं। गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 की रोकथाम के लिये अपनाई गई रणनीति मोटे तौर पर संक्रमितों की अधिक संख्या वाले क्षेत्रों की पहचान करके रोकथाम के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने के इर्द-गिर्द घूमती है। इसके अलावा सक्रियता से कोविड-19 संक्रमितों की तलाश, उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाना, उन्हें पृथक करने, इलाज का प्रबंधन और लोगों के बीच जागरुकता फैलाना भी इस रणनीति का हिस्सा है।
बयान में कहा गया है कि सरकार सभी संदिग्ध रोगियों के नमूनों की जांच भी करा रही है, चाहे उनमें लक्षण दिखे हों या नहीं। इसके अलावा संक्रमण की चपेट में आने वाले संदिग्धों और गंभीर श्वास संक्रमण (एसएआरआई) से जूझ रहे लोगों की भी जांच की जा रही है।
वहीं हॉटस्पॉट रेड जोन वाले जिलों या शहरों में बड़ी संख्या में मामले सामने आने या पहले से ही संक्रमितों की भारी तादाद होने के कारण इन पर ध्यान दिया जा रहा है।
संक्रमितों की अधिक तादाद वाले इलाकों में आवाजाही को लेकर सख्ती बरती जाएगी। गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि सभी वाहनों की आवाजाही, सार्वजनिक परिवहन और किसी भी व्यक्ति के पैदल इन इलाकों से बाहर निकलने पर पाबंदी रहेगी।
इन इलाकों से बाहर जाने वाले लोगों का विवरण एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के तहत दर्ज किया जाएगा और उस पर नजर रखी जाएगी।
गौरतलब है कि 14 अप्रैल तक देशभर के कुल 207 जिलों में कोविड-19 संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं जो कि संभावित हॉटस्पॉट हो सकते हैं। इसके अलावा ऐहतियाती तौर पर घर-घर जाकर संदिग्ध रोगियों का पता लगाने के लिये चुनिंदा स्वास्थ्य कार्यकर्ता हर रोज औसतन 50 घरों में भी जा रहे हैं।
आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम और रेड क्रॉस, एनएसएस, एनवाईके, और आयुष के छात्र भी इस काम में जुटे हैं।