Coronavirus: सरकार ने बनाए क्वॉरानटाइन मैनेजमेंट के 30 मॉडल, युवा हो रहे चिंता के सबसे ज्यादा शिकार
By एसके गुप्ता | Published: April 4, 2020 10:36 PM2020-04-04T22:36:38+5:302020-04-04T22:36:38+5:30
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि तबलीगी जमात के 17 राज्यों में 1023 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। देश में तमिलनाडु, केरल और दिल्ली में 58 रोगियों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
देश में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। जिस पर नियंत्रण के लिए केंद्र ने क्वारानटाइन के 30 मॉडल तैयार किए हैं। तबलीगी जमात के खतरे को ध्यान में रखते हुए इससे राज्यों को परिस्थिति अनुकूल कोरोना उपचार में मदद मिलेगी। चिंता की बात यह है कि कोरोना का हमला सबसे ज्यादा 21 से 40 तक की उम्र तक के लोग पर हो रहा है। जिसकी वजह घर से बाहर निकलने वालों में इस उम्र के लोगों को ज्यादा होना पाया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने कहा है कि घर से बाहर निकलने वाले लोग इस बात का ध्यान रखें कि वह मुंह पर कपड़ा जरूर बांधकर निकलें। इसके अलावा मास्क पहनने और उसे उतारने से लेकर धोकर दोबारा इस्तेमाल करने के संबंध में मंत्रालय ने विस्तृत जानकारी अपलोड की हुई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि तबलीगी जमात के 17 राज्यों में 1023 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। देश में तमिलनाडु, केरल और दिल्ली में 58 रोगियों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। राज्यों में बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिव मामलों को देखते हुए केंद्र ने मेडिकल कॉलेज में पीजी इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट कोर्स कर रहे छात्रों को भी ट्रेनिंग देकर कोरोना ट्रीटमेंट कार्य में जोड़ने को कहा है। इसके अलावा क्लीनिकल मैनेजमेंट, आईसीयू मैनेजमेंट, कोरोनटाइन मैनेजमेंट ट्रेनिंग के लिए केंद्र ने 30 मॉडल तैयार किए हैं। इन्हें राज्यों की मदद के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है।
एम्स नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. एसके अग्रवाल ने लोकमत से कहा कि विभाग में रोगियों का डायलेसिस ट्रीटमेंट तो हो रहा है। लेकिन मधुमेह और अन्य रोगी स्थिति नियंत्रण के लिए ब्रांडेड दवाओं का सेवन करते हैं। बाजार में रोगियों को ब्रांडेड दवाएं नहीं मिल रही हैं और रोगी हमें फोन कर रहे हैं। चिकित्सक कंपनियों को फोन कर रहे हैं। जरूरत इस बात की है कि सरकार रोगियों की समस्याओं को देखते हुए लोकल स्तर पर ब्रांडेड दवाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे।
स्वास्थय मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव आंकड़ों में अगर ऐजग्रुप का आंकलन किया जाए तो यह मिथ साबित हो रहा है कि यंग लोग कोरोना की चपेट में कम आते हैं। देश में सबसे ज्यादा 42 फीसदी मामले 21 से 40 आयु वर्ग श्रेणी के हैं। इसकी वजह यह है कि यह लोग घर का सामान लेने और अन्य कार्यों के लिए सबसे ज्यादा घर से बाहर निकल रहे हैं। यह लोग सेल्फ प्रोटेक्शन का भी ध्यान नहीं रख रहे हैं। इसी कारण कोरोना संक्रमित होने वालों में यह ऐजग्रुप अव्वल है। इसके अलावा जिन बुजुर्गों को लेकर यह कहा जा रहा था कि वह सबसे ज्यादा कोरोना से पीड़ित मिलेंगे उनकी संख्या मात्र 17 फीसदी है। क्योंकि बचाव के लिए वह लोग घरो से बाहर नहीं निकल रहे हैं। जहां तक कोरोना से मृत्यु के आंकड़ों की बात है तो मधुमेह, किडनी रोगी और अन्य तरह के गंभीर रोगों से पीड़ित लोगों के लिए कोरोना संक्रमण ज्यादा घातक है। क्योंकि पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है।
आयु के अनुसार कोरोना संक्रमित लोगों का प्रतिशत
आयु वर्ग (सालों में)–संक्रमित लोग (प्रतिशत में)
0-20 - 9 प्रतिशत
21-40 - 42 प्रतिशत
41-60 -33 प्रतिशत
60 और उससे ज्यादा -17 प्रतिशत