भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 360 हो गयी है जबकि 7 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए देश के 22 राज्यों के 75 जिलों को लॉकडाउन कर दिया गया है। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की कि 23 मार्च को सुबह छह बजे से राजधानी लॉकडाउन में रहेगी और यहां स्थानीय स्तर पर कोरोना वायरस के संक्रमण के छह मामले सामने आने के बाद कड़े कदम उठाने होंगे। उन्होंने उप राज्यपाल अनिल बैजल के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में बताया कि लॉकडाउन 31 मार्च को अर्द्धरात्रि तक चलेगा। केजरीवाल ने कहा कि लॉकडाउन में सार्वजनिक परिवहन का कोई साधन नहीं चलेगा और दिल्ली की सीमाओं को सील कर दिया जाएगा, लेकिन स्वास्थ्य, खानपान, जल और विद्युत आपूर्ति आदि से संबंधित आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी।
बता दें कि कैबिनेट सचिव ने आज राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ COVID-19की स्थिति को लेकर समीक्षा बैठक की है। इस बैठक में फैसला लिया है कि जिन 75 जिलों में कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं वहां 31 मार्च तक के लिए लॉकडाउन किया जाएगा।
क्या होता है लॉकडाउन
लॉकडाउन एक एमरजेंसी व्यवस्था है जो एपिडेमिक या किसी आपदा के वक्त शहर में सरकारी तौर पर लागू होती है। लॉक डाउन की स्थिति में उस क्षेत्र के लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है। उन्हें सिर्फ दवा या अनाज जैसी जरूरी चीजों के लिए बाहर आने की इजाजत मिलती है। या फिर बैंक से पैसा निकालने के लिए भी जा सकते हैं।