Coronavirus lockdown: पीएम मोदी का ट्वीट- भारत को अपने अन्नदाताओं पर गर्व, उद्योग जगत से सहयोग मांगा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 1, 2020 04:52 PM2020-05-01T16:52:13+5:302020-05-01T16:52:13+5:30
प्रधानमंत्री ने देश के किसान भाइयों से कहा कि आप पर गर्व है। भारत को अपने अन्नदाताओं पर गर्व है। पूरे देश का पेट भरने वाले अपने किसान भाइयों और बहनों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और लगातार कदम उठा रही है।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को उसके किसानों पर गर्व है और सरकार पूरे देश का पेट भरने वालों के हितों की सुरक्षा के लिए लगातार कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार इन अन्नदाताओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘‘भारत को अपने अन्नदाताओं पर गर्व है। सरकार पूरे देश का पेट भरने वालों के अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और उनके हितों के लिए कदम उठा रही है।’’
मोदी ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के वीडियो लिंक को साझा करते हुए ट्विटर पर ये बातें कहीं। तोमर ने कहा कि कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के बावजूद देश का कृषि क्षेत्र सुगमता से काम कर रहा है और अन्य क्षेत्रों की तरह इसके विकास पर मौजूदा वित्त वर्ष में ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
भारत को अपने अन्नदाताओं पर गर्व है। पूरे देश का पेट भरने वाले अपने किसान भाइयों और बहनों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और लगातार कदम उठा रही है। https://t.co/3LMHyPsiBw
— Narendra Modi (@narendramodi) April 29, 2020
किसानों से अनाज,फल-सब्जियों की बर्बादी रोकने में केन्द्र ने उद्योग जगत से सहयोग मांगा
देश के विभिन्न भागों में तैयार फसल न उठ पाने के कारण किसानों को हो रहे नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र ने उद्योग जगत से कृषि उपजों की खरीद के लिए आगे आने की अपील की। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उद्योग चैंबर फिक्की के सदस्यों के साथ बैठक में इस मुद्दे को उठाया।
सरकार चाहती है कि कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के बीच, किसानों की बर्बादी को कम करने के लिए खास कर जल्द खराब होने वाले कृषि उत्पादों (सब्जियों और फल आदि) की खरीद के लिए उद्योग जगत आगे आए। यह बैठक, लॉकडाउन के बाद के परिदृश्य के लिए खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की जरूरतों को समझने के लिए किया गया था। बयान में कहा गया, ‘‘बादल ने देश के विभिन्न हिस्सों में काटी जा चुकी फसलों और जल्दी खराब होने वाले खाद्य उत्पादों के नष्ट होने की बड़ी चिंता की ओर इंगित किया।
इस बैठक के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने सभी सदस्यों से इन कटे हुए गेहूं, धान, फलों और सब्जियों और अन्य बर्बादी की संभावना वाले खाद्य उत्पादों की खरीद के लिए आगे आने का अनुरोध किया, ताकि बर्बादी को कम से कम किया जा सके और किसानों को लाभान्वित किया जा सके।
इस चर्चा में कई अन्य लोगों के अलावा फिक्की के महासचिव दिलीप चेनॉय, फिक्की खाद्य प्रसंस्करण समिति के अध्यक्ष और आईटीसी फूड्स डिविजन के सीईओ, हेमंत मलिक, अमूल के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी, कोका कोला इंडिया के अध्यक्ष टी कृष्णकुमार, कारगिल इंडिया के अध्यक्ष साइमन जार्ज, केलॉग इंडिया के प्रबंध निदेशक मोहित आनंद, मोंडेलेज इंटरनेशनएल के भारत के अध्यक्ष, दीपक अय्यर, एमटीआर फूड्स के सीईओ संजय शर्मा और ज़ाइडस वेलनेस के सीईओ तरुण अरोड़ा उपस्थित थे। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सचिव पुष्पा सुब्रह्मण्यम ने कंपनियों को सलाह दी कि वे अपनी विशिष्ट शिकायतें शिकायत को प्रकोष्ठ को भेजें।
देवगौड़ा ने किसानों के लिए विशेष पैकेज की मांग की
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने लॉकडाउन के कारण परेशानी का सामना कर रहे किसानों के लिए कर्नाटक सरकार से विशेष पैकेज की मांग की। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को लिखे पत्र में देवगौड़ा ने कहा, ''कृपया किसानों को लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान से बचाने के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करें। बजट में कई योजनाओं को छोड़ दें लेकिन किसानों को परेशानी में नहीं छोड़ें।''
जनता दल (सेक्युलर) प्रमुख ने कहा कि जिस तरह दूध के उत्पादकों के नहीं बिकने वाले दूध को खरीदकर गरीबों में वितरित करके राहत दी गई है, इसी तरह की सहायता राज्य के किसानों को भी दी जानी चाहिए। देवगौड़ा ने मुख्यमंत्री को चेताया कि अगर आप किसानों को बचाने के लिए आगे नहीं आते हैं तो वे अपनी जमीन बेचने को मजबूर होंगे।
उन्होंने कहा कि फसलों का उचित दाम नहीं मिलने के कारण किसान इन्हें बेच पाने में असमर्थ हैं और अपने नुकसान को कम करने के लिए बेहद न्यूनतम दाम पर फसल बेचने को मजबूर हैं। देवगौड़ा ने कहा, '' लाखों एकड़ में खडी फसल को बेचने में असमर्थ होने के कारण सिर्फ एक महीने में ही किसान दिवालिया होने की कगार पर हैं।''