नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 अप्रैल को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बात करेंगे। सूत्रों ने कहा कि लॉकडाउन और कोरोना वायरस पर चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 अप्रैल को सुबह में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग पर संवाद करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। समझा जाता है कि इसमें कोरोना वायरस के खिलाफ आगे की लड़ाई के बारे में चर्चा हो सकती है। कोविड-19 के प्रसार के बाद राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग पर प्रधानमंत्री मोदी की यह तीसरी बैठक होगी।
मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री का पिछला संवाद 11 अप्रैल को हुआ था जिसमें अधिकांश मुख्यमंत्रियों ने 21 दिनों के लॉकडाउन को बढाने की मांग की थी। इसके बाद ही प्रधानमंत्री ने 14 अप्रैल को राष्ट्र के नाम संबोधन में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की थी। इससे पहले प्रधानमंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ 20 मार्च को चर्चा की थी।
उन्होंने कहा कि सरकार की इसी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अध्यादेश को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दी जिसमें कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में जुटे और ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को परेशान करने और उन पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़े दंड का प्रावधान किया गया है।
मोदी ने कहा कि यह अध्यादेश हमारे पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उनकी सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा।’’ उन्होंने कहा कि महामारी संशोधन अध्यादेश 2020 कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर तैनात प्रत्येक स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
कोरोना वायरस से निपटने की मुहिम में मदद के लिए 150 से ज्यादा संगठन आए साथ
कोरोना वायरस से निपटने में सरकार की मुहिम में मदद करने के लिए समाज के विभिन्न धड़ों का प्रतिनिधित्व करने वाले 150 से ज्यादा समूह साथ आए हैं। तालमेल का विचार लाने वाले कैटेलिस्ट ग्रूप के एक बयान के मुताबिक कोरोना वायरस से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए ‘कोविड एक्शन कोलैब’ (सीएसी) की शुरुआत की गयी है।
बयान में कहा गया है कि इसका मकसद विभिन्न हितधारकों- नागरिक संस्था, निजी क्षेत्रों, शिक्षाविदों, नेटवर्क, फाउंडेशन और केंद्र तथा राज्य सरकारों को नए संक्रमणों को किफायती तरीके से तुरंत रोकने, जल्द पता लगाने, समुचित उपचार करने और लोगों की आजीविका पर महामारी के असर को कम करने में मदद करना है।
तालमेल के लिए अपनायी गयी रणनीति पर कैटेलिस्ट ग्रूप के सह संस्थापक शिव कुमार ने बताया कि तालमेल तीन रणनीति से प्रेरित है। इसके तहत लक्षित समुदायों के बीच पहुंचना है । सरकार के साथ तालमेल कर सूचनाओं का आदान-प्रदान करना है। इसके साथ ही कठिन चुनौतियों का समाधान किया जाना है । बयान में कहा गया कि 150 से ज्यादा संगठनों ने तालमेल किया है और देश में 16 राज्यों और 100 जिलों में 1.25 करोड़ से ज्यादा लोगों तक पहुंचेंगे। बयान में कहा गया, ‘‘इस तालमेल का विस्तार नाइजीरिया, तंजानिया जैसे अन्य देशों में भी किया जाएगा।’’