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कोरोना वायरस के एक और खतरनाक वेरिएंट R.1 ने बढ़ाई चिंता, अमेरिका सहित 35 देशों में फैला

By विनीत कुमार | Updated: September 26, 2021 15:26 IST

Coronavirus New Variant: कुछ दिनों पहले अमेरिका में शोधकर्ताओं ने R.1 वेरिएंट की पहचान की। हालांकि यह वेरिएंट पिछले साल जापान में भी मिला था।

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ठळक मुद्देकोरोना वायरस का नया वेरिएंट है R.1, इस पर स्टडी जारी, इसके बेहद संक्रामक होने की आशंका।पिछले साल जापान में ये वेरिएंट सबसे पहले मिला था, अभी अमेरिका सहित 35 देशों में इसके केस।दुनियाभर में अभी तक करीब 10 हजार लोग इस नए वेरिएंट से संक्रमित हो चुके हैं।

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के नए मामले दुनिया भर के कई देशों में एक बार फिर बढ़ रहे हैं। वहीं भारत में भी तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है। इन तमाम आशंकाओं के बीच कोरोना का बेहद खतरनाक नया वेरिएंट मिला है। इसे R.1 नाम दिया गया है।

वैसे फिलहाल दुनिया भर में R.1 वेरिएंट के बेहद कम मरीज हैं, लेकिन जानकार बताते हैं यह वेरिएंट बेहद खतरनाक है। गौरतलह है कि COVID-19 की दूसरी लहर ने भारत में बड़ी तबाही मचाई थी। इसके लिए डेल्टा वेरिएंट को जिम्मेदार माना गया था। ऐसे में R.1 वेरिएंट के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर दुनिया चिंता को बढ़ा दिया है।

विशेषज्ञों के अनुसार R.1 वेरिएंट के मामले भले ही कम हैं लेकिन थोड़ी भी लापरवाही पूरी दुनिया पर भारी पड़ सकती है। पूरी दुनिया में अभी तक करीब 10 हजार लोग इससे संक्रमित पाए गए गए हैं।

जानकार बताते हैं कुछ दिनों पहले अमेरिका में शोधकर्ताओं ने R.1 वेरिएंट की पहचान की। हालांकि यह वेरिएंट पिछले साल जापान में भी मिला था। इसके अलावा R.1 वेरिएंट के मामले करीब और 35 देशों में भी सामने आ चुके हैं। 

क्यों खतरनाक है कोरोना वायरस का R.1 वेरिएंट 

इस बारे में शोध कर रही वैज्ञानिकों की टीम के मुताबिक R.1 सार्स-सीओवी-2 वायरस का नया वेरिएंट है। ये म्यूटेशन से बना है। ऐसे में संभव है कि किसी भी नए स्ट्रेन की तरह R.1 भी मूल कोरोना वायरस की तुलना में लोगों पर अलग तरह से प्रभाव डाले। 

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस वेरिएंट की प्रकृति को देखते हुए इसे बहुत ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है। फिलहाल इस पर और अध्ययन जारी है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि कोई भी वेरिएंट वैक्सीन सुरक्षा से बच सकता है या नहीं, यह उसमें मौजूद म्यूटेशन पर निर्भर करता है। नए R.1 वैरिएंट को लेकर भी वैज्ञानिकों ने पाया है कि ये शरीर में वैक्सीन से बनी प्रतिरक्षा को मात देकर किसी को संक्रमित करने की क्षमता रखता है। 

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