नई दिल्लीः कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। केंद्र व राज्य सरकारों की लाख कोशिशों के बावजूद भी प्रकोप थमता नजर नहीं आ रहा है। देश में कोरोना के मरीज 57 लाख से पार हो गए हैं। इस बीच देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के 86,508 नए मामले सामने आए। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गुरुवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 1,129 मरीजों की मौत हुई है। अबतक 5,732,519 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमे से 9,66,382 सक्रिय मामले हैं और 46,74,988 लाख ठीक हो गए हैं, जिन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है। वहीं, 91,149 मरीजों की मौत हो चुकी है।
बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने को राज्यों से आग्रह किया कि वे कोरोना वायरस संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई के साथ-साथ अब आर्थिक मोर्चे पर भी पूरी ताकत से आगे बढ़ें। साथ ही संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए उन्हें यह सलाह दी कि वे प्रभावित इलाकों में छोटे-छोटे निषिद्ध क्षेत्रों का चयन करके उन पर ध्यान केंद्रित करें।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोरोना वायरस के उच्च दर वाले सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उनके प्रतिनिधियों के साथ एक समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से जहां कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी, वहीं स्थितियां भी सामान्य होने की दिशा में आगे बढ़ेंगी।
प्रधानमंत्री ने चर्चा के दौरान एक-दो दिनों के लॉकडाउन लागू करने के कुछ राज्यों के फैसले के बारे में राज्यों से कहा कि वे इसका अवलोकन करें कि यह कोरोना वायरस को रोकने में कितना प्रभावी है और इस वजह से कहीं राज्य में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने में दिक्कत तो नहीं हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा आग्रह है कि सभी राज्य इस बारे में गंभीरता से सोचें।’’
मालूम हो कि पश्चिम बंगाल और पंजाब जैसे कई राज्यों ने समय-समय पर स्थानीय स्तर पर लॉकडाएन लागू किया ताकि कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को कम किया जा सके। मोदी ने कहा कि देश भर के 700 से अधिक जिलों में सिर्फ 60 जिले और वे भी सात राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण की उच्च दर है तथा यह चिंता का विषय है। उन्होंने मुख्यमंत्रियों को सुझाव दिया कि वे एक सप्ताह का कार्यक्रम बनाकर रोजाना अधिकारियों के साथ सीधे वार्ता करके स्थिति की समीक्षा करें।
भारत उन कुछ देशों में है जहां रोजाना बड़ी संख्या में जांच की जा रही है। देश में प्रयोगशालाओं के बेहतर नेटवर्क और इस तरह की अन्य सुविधाओं से इसमें पर्याप्त सहायता मिली है। इस उपलब्धि के आधार पर प्रति दस लाख पर जांच में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि वह बढ़ते क्रम की निरंतरता की इस प्रवृत्ति को बनाए रखेगा। जनवरी में सिर्फ पुणे में देश की एकमात्र प्रयोगशाला थी और अब देश में इसकी संख्या बढ़ कर 1678 हो गई है। इसमें 1,040 प्रयोगशालाएं सार्वजनिक क्षेत्र की जबकि 638 प्रयोगशालाएं निजी क्षेत्र की हैं।