झारखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या हुई 42, अधिकतर तबलीगी जमात से कनेक्शन, खुफिया रिपोर्ट ने सरकार के खड़े किये कान 

By एस पी सिन्हा | Published: April 20, 2020 07:53 PM2020-04-20T19:53:09+5:302020-04-20T19:53:09+5:30

बताया गया है कि कोरोना संक्रमित यह मरीज उसी साडम गांव का है, जहां से पहले एक कोरोना मरीज की मौत हो चुकी है. 

Corona infected number of 42 in Jharkhand, connection mostly to Tablighi Jamaat, intelligence report raised ears of government | झारखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या हुई 42, अधिकतर तबलीगी जमात से कनेक्शन, खुफिया रिपोर्ट ने सरकार के खड़े किये कान 

झारखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या हुई 42, अधिकतर तबलीगी जमात से कनेक्शन, खुफिया रिपोर्ट ने सरकार के खड़े किये कान 

Highlights40 साल के इस मरीज में संक्रमण की पुष्टि पीएमसीएच, धनबाद ने की है. बोकारो के गोमिया इलाके के साडम गांव से कोरोना संक्रमण का यह सातवां मामला सामने आया है.

रांची: झारखंड अब कोरोना वायरस से घिरता जा रहा है और संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर दिन कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढती जा रही है. बोकारो में आज एक कोरोना संक्रमित मरीज की पुष्टि हुई है. इसके साथ ही झारखंड में अब कोरोना पॉजिटिव का आंकडा 42 पर पहुंच गया है. बोकारो में अबतक 10 संक्रमित मिले हैं. बताया गया है कि कोरोना संक्रमित यह मरीज उसी साडम गांव का है, जहां से पहले एक कोरोना मरीज की मौत हो चुकी है. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार आज मिला कोरोना पॉजिटिव उसी के परिवार से संबद्ध है. 40 साल के इस मरीज में संक्रमण की पुष्टि पीएमसीएच, धनबाद ने की है. बोकारो के गोमिया इलाके के साडम गांव से कोरोना संक्रमण का यह सातवां मामला सामने आया है. रांची के हिंदपीढी इलाके के साथ ही बेडो और मेन रोड रांची इलाके में भी कोरोना का फैलाव हुआ है. अकेले रांची में कोरोना संक्रमित 24 मरीजों की पुष्टि हुई है. 

बोकारो में अब 10 मरीज कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. जबकि धनबाद, गिरिडीह, सिमडेगा और हजारीबाग में अबतक 2-2 मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है. ऐसे में यह पाया गया है कि झारखंड में कोरोना का संक्रमण फैलने के लिए तब्लीगी जमात के लोग ही अधिक जिम्मेदार हैं. 

यहां अबतक लगभग 78 फीसद संक्रमण इनकी वजह से फैला है. राज्य में रविवार को मिले चार नए मरीजों में भी संक्रमण तब्लीगी जमात से ही फैला. राज्य में अबतक मिले 42 मरीजों में से 32 मरीजों का संबंध संपर्क तब्लीगी जमात से रहा है. इनमें दो विदेशी संक्रमित भी शामिल हैं, जिनसे झारखंड के कई लोगों में संक्रमण फैला. 

यहां बता दें कि रांची के तो सभी मरीजों में संक्रमण प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से तब्लीगी जमातियों के संपर्क से ही फैला है. यहां की मस्जिद में छिपकर रह रहे विदेशी जमातियों के पकडे जाने और उनमें दो लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद प्रत्यक्ष और परेक्ष रूप से उनके संपर्क में आए लोग एक-एक कर संक्रमित पाये जाने लगे. अकेले हिंदपीढी में 23 लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गए हैं. बेडो के करांजी गांव में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से हडकंप मच गया है. 

कोरोना संक्रमित इस शख्स को प्रशासन ने क्वारंटाइन पीरियड पूरा होने के बाद घर भेज दिया था, जबकि उसकी जांच रिपोर्ट नहीं आई थी. स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही से पूरा बेडो कंटोनमेंट जोन बन गया है. इससे सरकारी महकमा सकते में है. बेडो प्रखंड के चार गांवों के 11 लोग दिल्ली में तबलीगी जमात में शामिल हुए थे और 22 मार्च को वहां से घर लौटे थे. एक अप्रैल को इनलोगों को खेलगांव स्थित क्वारंटाइन सेंटर भेजा गया. यहां से क्वारेंटाइन पीरियड पूरा होने के बाद इन्हें 17 अप्रैल को घर भेज दिया गया. घर भेजने से पहले इनका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था. इनमें से एक शख्स की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई.

बताया जाता है कि संक्रमित शख्स अपने घर में पत्नी और दो बेटों के साथ रहा. आशंका ये भी है कि यह शख्स गांव में भी कई अन्य लोगों के संपर्क में आया होगा. इनमें आस-पडोस के लोग शामिल हो सकते हैं. संक्रमित शख्स के बेटे ने कहा कि प्रशासन ने उसके परिवार को जानबूझकर मौत के मुंह में धकेल दिया. इधर, रांची प्रशासन अब इसकी छानबीन कर रही है कि कैसे बिना रिपोर्ट आए, इस शख्स को घर भेज दिया गया. 

इस बीच, दूसरे राज्यों के कोरोना संक्रमित लोगों के संपर्क में रहे एक हजार लोगों की तलाश झारखंड में हो रही है. खुफिया एजेंसियों ने ऐसे लोगों की सूची झारखंड सरकार को सौंपी है. इसे अलग-अलग प्रदेशों के कोरोना पॉजिटिव लोगों के कॉल डिटेल के आधार पर तैयार किया गया है. इनमें झारखंड के पते वाले मोबाइल नंबरों को झारखंड सरकार को सौंप दिया गया है. सूत्रों के अनुसार संबंधित राज्यों की सरकारों ने भी ऐसे आंकडे झारखंड सरकार के साथ साझा किए हैं, जो लॉकडाऊन के पहले या उसके बाद जो लोग दूसरे राज्यों में गए थे. 

उनमें से कई के परिचित बाद में कोरोना संदिग्ध पाए गए हैं. बाद में वे कोरोना पॉजिटिव भी निकले. इसे जानकर खुफिया एजेंसियों के कान खडे हो गए हैं. संबंधित व्यक्ति के कॉल डिटेल के आधार पर नजदीकी मोबाइल टावर के डाटा के आधार पर ऐसे लोगों को कोरोना संदिग्ध मानकर सूची तैयार की गई है.

खुफिया एजेंसियों की ओर से भेजे गए नाम-पतों को राज्य सरकार की ओर से खंगाला जा रहा है. इन्हें पाए जाने पर उनकी सबसे पहले थर्मल स्कैनिंग की जानी है. थोडा सा भी लक्षण पाए जाने पर उनके सैंपल को जांच के लिए भेजा जाना है. हालांकि, राज्य सरकार ऐसे लोगों के आंकडे सार्वजनिक नहीं कर रही है. लेकिन बताया जा रहा है कि इस सूची के कई लोगों की जांच हो चुकी है. खुफिया एजेंसियों के दिए नाम-पतों को खंगालने से पता चल रहा है कि झारखंड के पते वाले मोबाइल नंबर होने के वावजूद उनमें बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जो झारखंड नहीं लौटे हैं. वे या तो चिह्नित किए गए राज्य में ही रह गए या दूसरे किसी राज्य में तत्काल मौजूद हैं. अब ऐसे लोगों की कॉल ट्रेसिंग के जरिए वर्तमान मौजूदगी वाले राज्य की सरकारों को नाम-पते भेजे जाएंगे. कोरोना की चेन तोडने की नई प्लानिंग के तहत वर्तमान मौजूदगी वाले राज्य में उनकी जांच कराई जाएगी.
 

Web Title: Corona infected number of 42 in Jharkhand, connection mostly to Tablighi Jamaat, intelligence report raised ears of government

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