कोरोना संकटः राज्यों के पर्याप्त परीक्षण नहीं करने से मोदी सरकार चिंतित, महाराष्ट्र में 10 लाख पर 1423 परीक्षण, बिहार, यूपी भी फिसड्डी
By हरीश गुप्ता | Published: May 6, 2020 07:16 AM2020-05-06T07:16:51+5:302020-05-06T07:16:51+5:30
केंद्र के लिए चिंता की बात यह है कि राज्य पर्याप्त संख्या में परीक्षण नहीं कर रहे हैं. उदाहरण के लिए दिल्ली प्रति 10 लाख लोगों में 3486 परीक्षण कर देश में सबसे आगे है. वहीं, महाराष्ट्र में यह आंकड़ा प्रत्येक 10 लाख पर 1423 परीक्षण हैं.
नई दिल्ली: करीब 12 लाख परीक्षण के आंकड़े के साथ ही आज देश में कोविड-19 पॉजिटिव मामलों की संख्या काफी बढ़ गई है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़े के अनुसार मंगलवार सुबह 9 बजे तक 84713 परीक्षणों के साथ ही और करीब 12 लाख परीक्षण का नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है.
केंद्र के लिए चिंता की बात यह है कि राज्य पर्याप्त संख्या में परीक्षण नहीं कर रहे हैं. उदाहरण के लिए दिल्ली प्रति 10 लाख लोगों में 3486 परीक्षण कर देश में सबसे आगे है. वहीं, महाराष्ट्र में यह आंकड़ा प्रत्येक 10 लाख पर 1423 परीक्षण हैं. पश्चिम बंगाल प्रत्येक 10 लाख में 230 परीक्षण के साथ सबसे नीचे है, जबकि बिहार में प्रत्येक 10 लाख पर परीक्षण का आंकड़ा सिर्फ 267 है.
यही कारण है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रवासी मजदूरों को वापस लाने का विरोध कर रहे थे. जहां तक भाजपा शासित उत्तर प्रदेश का सवाल है, वहां प्रत्येक 10 लाख की आबादी पर सिर्फ 429 परीक्षण हो रहे हैं. राज्यों का परीक्षणों में तेजी नहीं लाना उन्हें उनकी अर्थव्यवस्था को कमजोर कर लॉकडाउन मई या जून से तक बढ़ाने पर मजबूर कर सकता है.
चूंकि परीक्षण दैनिक आधार पर हो रहे हैं इसलिए कोविड-19 संक्रमितों की तादाद भी दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं. दूसरा, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकारें भी यर्थातवादी तरीके से मामलों का आकलन करने में आगे आ रही हैं. इन कारणों से कोविड-19 पॉजिटिव की तादाद बढ़ रही है. यही वजह है कि देश में आज सर्वाधिक 3900 मामले सामने आए. हालांकि इसमें चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि आज रिकवरी दर बढ़कर 27.4 फीसदी हो गई है जो उच्चतम है.
चिंता की बात: मुंबई, पुणे पर टिकी अर्थव्यवस्था
केंद्र चाहता है कि लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 परीक्षण किए जाएं ताकि देश इससे निपटने की सही रणनीति तैयार कर सके. दूसरी ओर राज्य अपने पैर पीछे खींच रहे हैं. महाराष्ट्र को भी और अधिक परीक्षण करने की आवश्यकता है क्योंकि पूरी अर्थव्यवस्था औद्योगिक शहर पुणे और आर्थिक राजधानी मुंबई पर टिकी है. इसी तरह पंजाब चिंता का विषय है जबकि गुजरात में भी कोविड-19 पॉजिटिव की संख्या बढ़ रही है. यहां तक भी मध्य प्रदेश भी पर्याप्त परीक्षण नहीं कर रहा है.
मंत्रिमंडल समूह ने की समीक्षा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अगुवाई में स्वास्थ्य पर गठित मंत्रिमंडल समूह (जीओएम) की आज 14वीं बैठक हुई. इसमें स्वास्थ्य योद्धाओं और अस्पतालों के लिए आपूर्ति बढ़ाने की स्थिति की समीक्षा की गई.