जम्मू में तिरुपति बालाजी मंदिर का निर्माण लगभग पूरा हुआ, 8 जून से खुल जाएंगे कपाट
By भाषा | Published: May 21, 2023 06:51 PM2023-05-21T18:51:27+5:302023-05-21T18:53:39+5:30
यह जम्मू क्षेत्र के सबसे बड़े मंदिरों में से एक होगा और इससे केंद्र शासित प्रदेश में धार्मिक और तीर्थ पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। जम्मू का यह मंदिर आंध्र प्रदेश से बाहर बनाया जा रहा छठा बालाजी मंदिर होगा।
जम्मू: जम्मू-कश्मीर में माजीन के शिवालिक वनों में तिरुपति बालाजी मंदिर का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है और मंदिर के कपाट आठ जून को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। यह मंदिर 62-एकड़ भूमि पर बनाया जा रहा है और इस पर 30 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी।
यह जम्मू क्षेत्र के सबसे बड़े मंदिरों में से एक होगा और इससे केंद्र शासित प्रदेश में धार्मिक और तीर्थ पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। जम्मू का यह मंदिर आंध्र प्रदेश से बाहर बनाया जा रहा छठा बालाजी मंदिर होगा। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने पहले हैदराबाद, चेन्नई, कन्याकुमारी, दिल्ली और भुवनेश्वर में मंदिरों का निर्माण कराया था। टीटीडी के प्रमुख वाई. वी. सुब्बा रेड्डी ने कहा, “हमने मंदिर का निर्माण लगभग पूरा कर लिया है और आठ जून को इसका उद्घाटन किया जाएगा। तीन जून से अनुष्ठान शुरू होंगे।”
जम्मू में मंदिर का निरीक्षण करने वाले रेड्डी ने कहा, “तिरुमाला में जो भी व्यवस्था और प्रथा अपनाई जा रही है, वह यहां भी अपनाई जाएगी।” उन्होंने कहा कि टीटीडी ने पवित्र स्थान पर तिरुपति बालाजी मंदिर का निर्माण किया है और यह जम्मू और कटरा के बीच के मार्ग पर पड़ता है। कटरा में ही माता वैष्णो देवी मंदिर स्थित है। टीटीडी की पहल है कि देशभर में कई बालाजी मंदिरों का निर्माण किया जाए और इसी पहल का हिस्सा जम्मू में बन रहा मंदिर है। यह माजीन में शिवालिक के जंगलों के बीच स्थित है। इसका निर्माण दो साल से भी कम वक्त में पूरा हो रहा है, जो एक उपलब्धि है।
उन्होंने कहा, “टीटीडी पूरे देश में बालाजी मंदिर बना रहा है। इसलिए, जो लोग आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के दर्शन करने नहीं जा सकते हैं, वे अपने शहरों में इन मंदिरों में दर्शन कर लें।” रेड्डी ने कहा, “जम्मू-कश्मीर सरकार ने 2021 में 62 एकड़ जमीन आवंटित की थी और हमने उसी साल निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। हम इसे पूरा करने के करीब हैं।” आंध्र प्रदेश से आए मंदिर निर्माण कार्य के प्रभारी रब्बानी ने कहा, “हम पिछले दो वर्षों से तिरुपति बालाजी मंदिर के निर्माण पर समर्पित रूप से काम कर रहे हैं। मंदिर का निर्माण पूरी तरह से पत्थरों से किया गया है, जबकि मूर्तियां सीमेंट से बनी हैं।”