एटीएस के मामलों में अभियोजन की स्वीकृति से पहले स्वतंत्र समीक्षा के लिए प्राधिकरण का गठन

By भाषा | Updated: July 2, 2021 22:14 IST2021-07-02T22:14:41+5:302021-07-02T22:14:41+5:30

Constitution of Authority for independent review before sanction of prosecution in ATS cases | एटीएस के मामलों में अभियोजन की स्वीकृति से पहले स्वतंत्र समीक्षा के लिए प्राधिकरण का गठन

एटीएस के मामलों में अभियोजन की स्वीकृति से पहले स्वतंत्र समीक्षा के लिए प्राधिकरण का गठन

लखनऊ, दो जुलाई उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा की जा रही विवेचना के मामलों में अभियोजन की स्वीकृति और मंजूरी से पहले मामलों की स्वतंत्र समीक्षा के लिए एक स्वतंत्र प्राधिकरण का गठन किया है।

एटीएस द्वारा शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार सरकार ने एटीएस के मामलों में अभियोजन की स्वीकृति और मंजूरी से पहले मामलों की स्वतंत्र समीक्षा के लिए एक स्वतंत्र प्राधिकरण का गठन किया है। इस प्राधिकरण में उच्‍च न्‍यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश और सेवानिवृत्त प्रमुख सचिव न्याय या प्रमुख सचिव विधायी सदस्य होंगे। एटीएस प्रवक्ता के मुताबिक इस स्वतंत्र प्राधिकरण का गठन एक वर्ष के लिए होगा तथा समीक्षा के बाद उसका कार्यकाल बढाया जाएगा।

एटीएस प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि 28 जून को धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार अभियुक्त राहुल भोला, इरफान शेख और मन्नू यादव का न्‍यायालय द्वारा पांच दिन की पुलिस हिरासत स्वीकृत की गई है और उप्र एटीएस की टीम ने इन आरोपियों को जिला कारागार लखनऊ से अपनी हिरासत में ले लिया है। इनसे पुलिस की टीमें पूछताछ की जाएगी।

गौरतलब है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई तथा विदेशी संस्थाओं के इशारे पर लोगों का धर्म परिवर्तन कराकर उनमें कट्टरता की भावना भरने एवं सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में एटीएस ने 28 जून को तीन और लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

एटीएस ने यहां एक बयान में कहा था कि 20 जून को काजी जहांगीर और उमर गौतम नामक व्यक्तियों को आईएसआई तथा विदेशी संस्थाओं के निर्देश और उनसे प्राप्त होने वाले धन के जरिए लोगों का धर्म परिवर्तन कराकर देश में सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इन लोगों से पूछताछ में इरफान शेख, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान तथा राहुल भोला नामक व्यक्तियों के नाम सामने आए थे।

बयान के मुताबिक इन लोगों से विस्तृत पूछताछ की गई, जिसके बाद सोमवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इन लोगों के कब्जे से धर्मांतरण से संबंधित दस्तावेज, विभिन्न बैंकों की चेक बुक और पासबुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड, लैपटॉप तथा मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।

एटीएस के मुताबिक इरफान एक दुभाषिया है जो दिल्ली में बाल कल्याण मंत्रालय में काम करता है। इस वजह से मूक-बधिर लोगों के बीच उसकी अच्छी पैठ है। एटीएस का दावा है कि इरफान मूक बधिरों को इस्लाम का ज्ञान देता था और दूसरे धर्मों की बुराइयां करता था।

आतंकवाद रोधी दस्ते के अनुसार, इरफान तरह-तरह के प्रलोभन देकर लोगों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए कहता था। वह उसके बाद उमर गौतम के साथ मिलकर जहांगीर आलम से इस्लामिक दावा सेंटर में धर्मांतरण प्रमाण पत्र बनवाता था।

बयान के अनुसार राहुल भोला भी मूक-बधिर है और वह इरफान के साथ मिलकर मूक-बधिरों को धर्मांतरण की तरफ प्रेरित करता था और उसी ने मन्नू यादव का धर्म परिवर्तन कराया था। मन्नू यादव भी मूक बधिर है और उसने आदित्य गुप्ता का धर्मांतरण कराया था।

एटीएस ने धर्मांतरण प्रकरण में 30 जून को गुजरात के अहमदाबाद से गिरफ़तार सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख को न्‍यायालय के आदेश पर तीन दिन के ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया गया था जिसे शुक्रवार को एटीएस अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया और अदालत ने सलाहुद्दीन को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। एटीएस ने न्‍यायालय के समक्ष सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख की दस दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है जो विचाराधीन है।

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Web Title: Constitution of Authority for independent review before sanction of prosecution in ATS cases

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