संविधान दिवस: हर भारतीय नागरिक के लिए बेहद खास है 26 नवंबर का दिन, जानिए क्यों

By आकाश चौरसिया | Published: November 26, 2023 01:22 PM2023-11-26T13:22:45+5:302023-11-26T13:31:27+5:30

संविधान दिवस साल 1950 से मनाया जा रहा है, क्योंकि इससे पहले संविधान सभा ने इसे 1949 में स्वीकार किया था। इसका मायने और भी है, क्योंकि 26 जनवरी, 1930 को कांग्रेस पार्टी ने लाहौर बैठक के दौरान ही पूर्ण स्वराज मनाने का प्रस्ताव पास किया।

Constitution Day 26th November is a very special day for every Indian citizen | संविधान दिवस: हर भारतीय नागरिक के लिए बेहद खास है 26 नवंबर का दिन, जानिए क्यों

फाइल फोटो

Highlightsसंविधान दिवस साल 1950 से मनाया जा रहा हैइसे संविधान सभा ने इसे 1949 में स्वीकार किया था26 जनवरी, 1930 को कांग्रेस पार्टी ने लाहौर में पूर्ण स्वराज मनाने का प्रस्ताव पास किया

नई दिल्ली: संविधान दिवस साल 1950 से मनाया जा रहा है, क्योंकि इससे पहले संविधान सभा ने इसे 1949 में स्वीकार किया था। इसका मायने देश के लिए बहुत ज्यादा है, क्योंकि 26 जनवरी, 1930 को कांग्रेस पार्टी ने लाहौर बैठक के दौरान ही पूर्ण स्वराज मनाने का प्रस्ताव पास किया। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने भारतीयों से 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाने का आग्रह किया। 

इस मौके पर संविधान में मूल रुप से 395 अनुच्छेद थे, 22 भाग और 8 अनुसूचियां और अब लगभग 448 अनुच्छेद जुड़ चुके हैं। इसके साथ ही इसे 25 भागों में बांटा गया है। यह संविधान एकता, विविधता और सामाजिक न्याय की ताकत का प्रतीक है, जो राष्ट्र का आधार बन गया है। संविधान को समाहित करने के लिए 60 देशों के संविधानों का अध्ययन किया गया था। 

संविधान के स्रोत
संविधान ऑस्ट्रेलिया से संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक, व्यापार की स्वतंत्रता, समवर्ती सूची लिया। वहीं, कनाडा से केंद्र द्वारा राज्यपाल की नियुक्ति, सुप्रीम कोर्ट में सलाहकार, संघ सरकार का एक मूल लिया गया, जिससे केंद्र और राज्य सरकारों का समावेशन हुआ। जापान से कानून, यूएसएसआर से मौलिक कर्तव्य, प्रस्तावना के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक, ब्रिटेन से संसदीय सरकार, एकल नागरिकता, कैबिनेट प्रणाली, संसदीय विशेषाधिकार, फ्रांस से गणतंत्र, प्रस्तवाना में स्वतंत्रता का मूल भाग जोड़ा गया।

इसमें आयरलैंड, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका से मौलिक अधिकार, उप-राष्ट्रपति पद, न्यायिक व्यवस्था, राष्ट्रपति पर महाभियोग और सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के जज की बर्खास्तगी का प्रावधान लिया गया। 

भारतीय संविधान समानता, मौलिक अधिकारों और निजी स्वतंत्रता की सुरक्षा के महत्व पर जोर देता है। यह भारतीय लोगों की आकांक्षाओं और उन निर्माताओं के दृष्टिकोण का प्रतीक है, जिन्होंने एक न्यायपूर्ण और समावेशी समाज बनाने के लिए अथक प्रयास किया। 

जिस प्रकार संविधान निर्माताओं ने एक समृद्ध और सुरक्षित राष्ट्र के निर्माण की ओर ध्यान दिया, उसी प्रकार व्यक्तियों को भी लंबे समय के लिए वित्तीय योजना पर ध्यान देना चाहिए। भविष्य के लिए बचत और निवेश करने से व्यक्ति को वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने और दीर्घकालिक लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलती है।

Web Title: Constitution Day 26th November is a very special day for every Indian citizen

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