पश्चिम बंगाल में सीटों की साझेदारी के दौरान कांग्रेस अधिक यथार्थवादी रूख अपनाएगी: दीपांकर भट्टाचार्य

By भाषा | Published: November 22, 2020 10:54 PM2020-11-22T22:54:13+5:302020-11-22T22:54:13+5:30

Congress will adopt a more realistic approach during seat sharing in West Bengal: Dipankar Bhattacharya | पश्चिम बंगाल में सीटों की साझेदारी के दौरान कांग्रेस अधिक यथार्थवादी रूख अपनाएगी: दीपांकर भट्टाचार्य

पश्चिम बंगाल में सीटों की साझेदारी के दौरान कांग्रेस अधिक यथार्थवादी रूख अपनाएगी: दीपांकर भट्टाचार्य

(इंट्रो में शब्द बदलते हुए)

कोलकाता, 22 नवंबर बिहार में सरकार बनाने में विफल रहे महागठबंधन के लिए कांग्रेस को ‘बड़ी निराशा’ करार देते हुए भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने उम्मीद जतायी कि पार्टी पश्चिम बंगाल में वाममोर्चा के साथ सीटों की अपनी साझेदारी के दौरान ‘अधिक यथार्थवादी’ रूख अपनाएगी।

भट्टाचार्य ने कहा कि उन्हें पक्का यकीन है कि सबसे पुरानी पार्टी (कांग्रेस) भी बिहार में अपने खराब प्रदर्शन की समीक्षा कर रही होगी और वह राजनीतिक रूप से संवेदनशील बंगाल, जहां भगवा ब्रिगेड सत्ता पर काबिज होने के लिए सभी प्रयास कर रहा है, में सीटों के बंटवारे के दौरान वह युक्तिसंगत रहेगी।

बिहार के चुनान नतीजे का हवाला देते हुए भट्टाचार्य ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘ पार्टी को पश्चिम बंगाल में माकपा-कांग्रेस गठबंधन में अगुवा नहीं होना चाहिए।’’

हाल के बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों की साझेदारी के तहत कांग्रेस ने कुल 243 सीटों में 70 पर अपने प्रत्याशी उतारे थे जबकि वह महज 19 सीट ही जीत पायी।

दूसरी तरफ, महागठबंधन के घटक भाकपा (माले) 19 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ी और उसने 12 सीटें जीतीं। उधर, भाकपा और माकपा ने भी दो -दो सीटें हासिल कीं।

ऐसा नहीं है कि केवल बिहार में कांग्रेस के प्रदर्शन में गिरावट आयी बल्कि 2014 के बाद से लोकसभा चुनाव एवं हाल के वर्षों में विधानसभा चुनावों में उसकी सीटें घटी हैं।

भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘ कांग्रेस बिहार में महागठबंधन के लिए बड़ी निराशा थी। सीटों का बंटवारा अधिक यथार्थवादी होना चाहिए था। कांग्रेस की सफलता दर सबसे कम रही। मुझे यकीन है कि पार्टी भी अपने प्रदर्शन की समीक्षा कर रही होगी। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं आशा करता हूं कि कांग्रेस हाल ही में संपन्न बिहार के चुनाव से सबक लेगी और पश्चिम बंगाल में सीटों के बंटवारे के दौरान अधिक यथार्थवादी रूख अपनाएगी।’’

वैसे भाकपा माले पश्चिम बंगाल में माकपा, भाकपा, फारवार्ड ब्लॉक और रिवोल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी के वाममोर्चा का हिस्सा नहीं है लेकिन वह राज्य में कुछ सीटों पर उम्मीदवार उतारती रही है लेकिन उसे सफलता नहीं मिली है।

बिहार में अपने प्रदर्शन से उत्साहित चरमपंथी वाम संगठन इस बार फिर बंगाल में चुनाव में और जोश-खरोश से उतरने की तैयारी कर रहा है।

भट्टाचार्य से जब पश्चिम बंगाल में भाजपा का टक्कर देने के लिए भाकपा माले और तृणमूल कांग्रेस के बीच किसी सहमति की संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने उसका ना में जवाब दिया।

उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल यह कहना जल्दबाजी होगी कि भाकपा माले पश्चिम बंगाल में माकपा नीत गठबंधन का हिस्सा होगी। बंगाल में अगले वर्ष अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव हैं।

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Web Title: Congress will adopt a more realistic approach during seat sharing in West Bengal: Dipankar Bhattacharya

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