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कांग्रेस ने मोदी सरकार से कहा-कोरोना से जान गंवाने वाले हर व्यक्ति के परिवार को 10 -10 लाख का मुआवजा मिले

By शीलेष शर्मा | Updated: June 28, 2021 20:16 IST

16 महीनों में देश का हर नागरिक कोरोना महामारी से प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से प्रभावित हुआ है। लेकिन सरकार किसी को सुनने को तैयार नहीं है।

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ठळक मुद्देउच्चतम न्यायालय में इस सरकार ने जो हलफनामा दायर किया है।कोविड से मारे गए लोगों का एवं कोरोना योद्धाओं का अपमान है।देश के नागरिकों की कोई चिंता नहीं है।

नई दिल्लीः कोरोना महामारी को लेकर कांग्रेस ने आज फिर प्रधानमंत्री मोदी और उनकी उनकी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुये सवाल उठाया।

 

 

पूछा कि जब अमेरिका जैसे देशों ने कोविड-19 को प्राकृतिक आपदाओं के तहत वर्गीकृत किया है और प्राकृतिक आपदा की सभी शर्तें कोविड-19 पर लागू होती हैं, तो मोदी सरकार इसे प्राकृतिक आपदा मानने से इंकार क्या सिर्फ मुआवज़े की रकम को बचाने के लिए कर रही है? 

भाजपा सरकार ने मृतकों के परिवारों को अभी तक क्या सहयोग दिया है और केंद्र सरकार मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने से क्यों कतरा रही है?  पेट्रोल एवं डीजल पर केंद्र सरकार द्वारा वसूली गई अत्यधिक एक्साइज ड्यूटी जनता की संपत्ति है। यदि केंद्र सरकार मृतकों के परिवारों के लिए इस राशि का 10 प्रतिशत जो लगभग 40,000 करोड़ रु.है भी खर्च नहीं कर सकती, तो इस पैसे का क्या फायदा?

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला यह कहते हुये किया कि केंद्र सरकार को एक कोविड-मुआवजा फंड स्थापित करना चाहिए और मृतकों के परिवारों को 10 लाख रु. का मुआवजा दिया जाना चाहिए। यह न केवल संवैधानिक दायित्व है, बल्कि  नैतिक कर्तव्य भी है।

पार्टी की  मांग थी  कि केंद्र सरकार अन्य प्राकृतिक आपदाओं की तरह ही कोविड-19 को भी प्राकृतिक आपदा में शामिल करें और मृतकों के परिवारों को 10 लाख रु. का मुआवजा दे।पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क के जरिए करीब चार लाख करोड़ रुपये की ‘लूट’ की है और इस राशि का 10 फीसदी खर्च करके कोविड प्रभावित परिवारों की मदद की जा सकती है।

साल 2020-21 में करीब चार लाख करोड़ रुपये पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क के रूप में लूट लिए। क्या हम कोरोना के कारण जान गंवाने वालों के लिए इन चार लाख करोड़ रुपये का मात्र 10 फीसदी (40 हजार करोड़ रुपये) खर्च नहीं कर सकते?’’ कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी ने मांग की थी कि कोविड मुआवजा कोष स्थापित किया जाए। हमारी मांग है कि तत्काल कोविड मुआवजा कोष स्थापित किया जाए और हर मृतक के परिवार को इसमें से 10 लाख रुपये की मदद दी जाए।’’

केंद्र ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर 12 विशिष्ट चिन्हित आपदाओं को लेकर वर्ष 2015 से 2020 के दौरान प्रस्तावित खर्च के दिशा-निर्देशों में कोविड-19 शामिल नहीं है। इन आपदाओं में चक्रवात, सूखा, भूकंप, आग, बाढ़, सूनामी, ओलावृष्टि, भूस्खलन, हिमस्खलन, बादल फटना, कीट-हमला, पाला और शीत लहर शामिल है।

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