कांग्रेस ने आईएसएफ मुद्दे पर आनंद शर्मा को आड़े हाथ लिया
By भाषा | Updated: March 2, 2021 23:03 IST2021-03-02T23:03:27+5:302021-03-02T23:03:27+5:30

कांग्रेस ने आईएसएफ मुद्दे पर आनंद शर्मा को आड़े हाथ लिया
नयी दिल्ली, दो मार्च कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा को परोक्ष तौर पर आड़े हाथ लेते हुए मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में पार्टी का गठबंधन एक ‘‘धर्मनिरपेक्ष मोर्चा’’ है जिसे भाजपा से लड़ने के लिए बनाया गया है। कांग्रेस ने साथ ही पार्टी में सभी से आग्रह किया कि वे इसमें बिना किसी शर्त शामिल हों।
शर्मा ने पश्चिम बंगाल में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ कांग्रेस के गठबंधन की आलोचना की थी।
शर्मा ने मुस्लिम धर्मगुरु अब्बास सिद्दीकी के नेतृत्व वाले इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ पार्टी के गठजोड़ की सोमवार को आलोचना करते हुए कहा था कि ‘यह पार्टी की मूल विचारधारा तथा गांधीवादी और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है और पार्टी सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में चयनात्मक नहीं हो सकती है।’’
शर्मा की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने भाजपा पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह अपने राजनीतिक विरोधियों को सांप्रदायिक करार देकर और खुद को धर्मनिरपेक्ष होने का दावा कर ‘‘दुष्प्रचार’’ कर रही है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पूरा विचार यह है कि बंगाल में यह एक बड़ा मोर्चा बनाया गया है ताकि जहां तक संभव हो भाजपा से एक अच्छा राजनीतिक मुकाबला हो, विशेष तौर पर विकृत राजनीति के खिलाफ और इसलिए हममें से प्रत्येक को, मेरे प्रत्येक वरिष्ठ, सम्मानित और मूल्यवान सहयोगियों को पूरे दिल से और बिना शर्त इस लड़ाई में शामिल होना चाहिए ताकि भाजपा के इस दुष्प्रचार का मुकाबला हम मिलकर करें।’’
उन्होंने कहा कि उस मोर्चे की एक पार्टी - माकपा ने अपने कोटे से आईएसएफ को सीटें देने का फैसला किया है।
शर्मा ने कोलकाता में एक रैली में आईएसएफ नेता के साथ मंच साझा करने के लिए पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी से सोमवार को स्पष्टीकरण मांगा था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शर्मा पार्टी के उन 23 नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी। शर्मा ने कहा था कि आईएसएफ जैसी कट्टरपंथी पार्टी के साथ ‘‘गठबंधन’’ के मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए थी और उसे कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) द्वारा अनुमोदित होना चाहिए था।
शर्मा पर निशाना साधते हुए, चौधरी ने कहा कि वह जमीनी वास्तविकताओं को नहीं समझते हैं तथा मोर्चा भाजपा की सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति को हराने के लिए बनाया गया है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रतिष्ठित कांग्रेसियों के एक चुनिंदा समूह से आग्रह करेंगे कि वे हमेशा निजी सुख-सुविधाओं की चाहत से ऊपर उठें और प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए समय बर्बाद करना बंद करें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उनका कर्तव्य पार्टी को मजबूत करने का है, उस पेड़ को कमजोर करने का नहीं जिसने उनका पोषण किया है।’’
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आनंद शर्मा जी अपने तथ्यों का पता लगाइये, माकपा के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा पश्चिम बंगाल में धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का नेतृत्व कर रहा है, जिसमें कांग्रेस एक अभिन्न हिस्सा है। हम भाजपा की सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति और एक निरंकुश शासन को हराने के लिए दृढ़ हैं।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पहले ही सीटों का उसका पूरा हिस्सा मिल चुका है और वाम मोर्चा अपने हिस्से से सीटें नवगठित आईएसएफ को आवंटित कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘माकपा के नेतृत्व वाले मोर्चे को ‘सांप्रदायिक’ कहने का आपका निर्णय केवल भाजपा के ध्रुवीकरण एजेंडे की पूर्ति कर रहा है।’’
चौधरी ने कहा, ‘‘जो लोग भाजपा के जहरीले सांप्रदायिकता से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं, उन्हें भाजपा के एजेंडे के अनुरूप टिप्पणी करके पार्टी को कमजोर करने के बजाय पांच राज्यों में पार्टी का प्रचार करना चाहिए।’’
कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने कहा कि गठबंधन का फैसला पार्टी और कार्यकर्ताओं के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए लिए जाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि सभी लोग हाथ मिलाएं और उन राज्यों में कांग्रेस की संभावनाओं को मजबूत करने की दिशा में काम करें जहां चुनाव होने वाले हैं।’’
शर्मा ने मंगलवार को कहा कि उन्हें चिंता है और वे जो कह रहे हैं उसे सही संदर्भ में समझा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हम कांग्रेस को मजबूत करना चाहते हैं और इसे एकजुट देखना चाहते हैं। हम ऐसा कुछ नहीं चाहते हैं जिससे पार्टी कमजोर हो।’’
पार्टी के भीतर वाकयुद्ध पर कांग्रेस की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर सिंघवी ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह भाजपा का एक दुष्प्रचार है, उसके द्वारा ‘‘गुंडा स्तर की राजनीति किये जाने’ के बावजूद, वह बार-बार खुद को असली चमकती धर्मनिरपेक्ष पार्टी होने का दावा करती है और दूसरों पर सांप्रदायिकता का आरोप लगाकर मजाक उड़ाती है।’’
भाजपा ने भी कांग्रेस पर विभिन्न राज्यों में उसके गठबंधनों को लेकर निशाना साधा और कहा कि उनका उद्देश्य केवल गांधी परिवार की प्रासंगिकता को बनाए रखना है।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में एक ‘‘मौलाना की पार्टी’’ (इंडियन सेक्युलर फ्रंट) और वाम दलों के साथ गठबंधन किया है, जबकि वह केरल में वाम से लड़ रही है।
उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी असम में बदरुद्दीन अजमल की एआईडीयूएफ के साथ गठबंधन की दिशा में भी काम कर रही है और महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ हाथ मिलाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसकी (कांग्रेस) कोई विचारधारा नहीं है। इसकी एकमात्र विचारधारा भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद है और किसी भी तरह सत्ता में आना है।’’
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस तरह के गठजोड़ कांग्रेस के ‘‘दोहरी बात और पाखंड’’ को उजागर करते हैं।
सिंघवी ने पात्रा के आरोपों पर पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया।
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